नरसिंहपुर, (वार्ता) मध्यप्रदेश के पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि खेलों इंडिया कार्यक्रम में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को दी जायेगी शासकीय नौकरी।
श्री पटेल ने स्टेडियम ग्राउंड नरसिंहपुर में खेलो इंडिया के अंतर्गत नवनिर्मित इंडोर हॉल के लोकार्पण कार्यक्रम में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि खेलों का जीवन में अत्यधिक महत्व है।
यह जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए बहुत ही सहायक हैं क्योंकि खेल हमें जीवन में अनुशासित रहना सिखाते हैं, जिसके कारण हम अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।
श्री पटेल ने कहा कि मनुष्य के समग्र विकास के लिए खेलों की महती भूमिका है।
परंपरागत खेल हमारी दूरदर्शिता को दर्शाते हैं।
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि उन्होंने भी अपने जीवन में खेलों में हिस्सा लिया है।
वे कबड्डी के खिलाड़ी रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अपने खिलाड़ी जीवन में उन्होंने मैदान को सींचा है।
यह कार्य करने से कोई छोटा या बड़ा नहीं हो जाता है।
ख़ुद के जीवन के लक्ष्य निर्धारित कर उसे पाने में अपना ध्यान लगाने की प्रेरणा उन्होंने खिलाड़ियों को दी।
उन्होंने बताया कि पहले कबड्डी एवं कुश्ती मिट्टी में खेले जाते थे।
समय के साथ हुए परिवर्तन से खेलों में भी बदलाव आया है, अब यह खेल मैट पर होने लगे हैं।
पहले हम इंडोर गेम्स के बारे में नहीं जानते थे, लेकिन बैडमिंटन और टेबल टेनिस जैसे खेलों के प्रति खिलाड़ियों का आकर्षण बढ़ा है।
श्री पटेल ने कहा कि यह प्रतियोगिता आयोजित कराने में सहयोग क्रीड़ा मंडल गोटेगांव की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
इसका उद्देश्य खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें संसाधन उपलब्ध कराकर खेलों में अपना बेहतर प्रदर्शन देने के योग्य बनाना है।
उन्होंने बताया कि गोटेगाँव में कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेने वाले खिलाड़ी एवं आईपीएल में भाग लेने वाले खिलाड़ी भी यहां आए हैं।
खेल मंत्रालय की पहल का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि खेलों इंडिया कार्यक्रम में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को शासकीय नौकरी दी जाएगी।
यह खिलाड़ियों के उत्साह को और अधिक बढ़ाएगा।
खिलाड़ी के जीवन में फ़िटनेस का सर्वाधिक महत्व होता है।
श्री पटेल ने कहा कि खेल के मैदान में जाने वाला व्यक्ति कभी निराश नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि इस इंडोर हॉल के बन जाने से खिलाड़ी अपनी क्षमता को बेहतर बना सकेंगे।
इसके लिए छात्र- छात्राओं को मेम्बरशिप में छूट प्रदान की जायेगी।
उन्होंने खिलाड़ियों से आव्हान किया कि उन्हें इस स्थान के रूप में जो संसाधन मिला है वह महत्वपूर्ण है।
खिलाड़ी यहां पर निरंतर अभ्यास कर इस स्थान की उपयोगिता को सिद्ध करें।
उन्होंने कहा कि कोच की क्षमता पर कभी संशय नहीं करना चाहिए।
कोच माता- पिता से कम नहीं होते हैं।
दुनिया के बेहतरीन खिलाडी अपने कोच की बदौलत ही आज मुक़ाम पाने में सफल हुए हैं।