राष्ट्र सेविका समिति ने निकाला संचलन
राष्ट्र के लिए समर्पित होने किया प्रेरित
इंदौर:राष्ट्र सेविका समिति द्वारा रविवार को पथ संचलन का आयोजन किया गया. समिति की स्थापना 1936 में विजया दशमी के दिन वंदनीय लक्ष्मीबाई केलकर (उपाख्य मौसी जी) ने की थी. उसी स्थापना दिवस के उपलक्ष्य मे यह शक्ति प्रदर्शन जो समाज मे सकारात्मकता का वातावरण एवं समरसता निर्माण करने वाला कार्यक्रम है.कार्यक्रम की अध्यक्ष सेंट्रल जेल अधीक्षक अलका सोनकर, मुख्य अतिथि निशा जोशी योग अकादमी की संस्थापक डॉ निशा जोशी, विशेष अतिथि एशियाई खेलों में प्रथम भारतीय घुड़सवारी स्वर्ण पदक विजेता सुदीप्ति हजेला थी. कार्यक्रम मे एकल गीत कल्याणी काकड़े ने लिया. संचालन आकांक्षा त्रिवेदी ने किया.
संचलन के पूर्व समिति की मध्य भारत प्रान्त सेवा प्रमुख श्रुति केलकर ने अपने उद्बोधन मे बताया कि वंदे मातरम का अर्थ है माता की वंदना करना.किसी अन्य के द्वारा मां की थोड़ी सी भी बुराई संतति नहीं सुन सकती और मां के लिए कुछ भी करने को तत्पर रहती है, वैसा ही भाव जब देश के नागरिकों का अपनी जन्मभूमि के प्रति होता है तो वंदे मातरम उस देश की प्राण शक्ति बन जाता है. हम अपने नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहें. यातायात के नियमों का पालन करें, पर्यावरण संरक्षण हेतु कार्य करें, वृक्षारोपण कर उन्हें संरक्षित भी करें, तथा स्वच्छता के लिए जागरूक रहें. ये सभी कार्य न केवल हम स्वयं करें अपितु संपर्क में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को भी इस हेतु प्रेरित करें, तभी हम राष्ट्र के,भारत माता के गौरव को विश्व में पुनः प्रतिष्ठित कर सकेंगे.
1100 महिलाएं हुई सम्मिलित
पथ संचलन साकेत नगर उद्यान से सांची पॉइंट तिराहा, पत्रकार कालोनी चौराहा, साकेत चौराहा, आनंद बाजार रोड़, आनंद बाजार चौराहा, खजराना रोड, चंद्रलोक चौराहा, कल्पना लोक कालोनी, जैविक सेतु चौराहा,साकेत नगर मेन रोड से पुनः साकेत नगर उद्यान पहुंचा. इस अवसर पर बङी संख्या मे लगभग 1100 महिलाएं पूर्ण गणवेश में गुणवत्ता के साथ कदम से कदम मिलाकर संचलन कर रही थी. समाजजनो द्वारा स्थान स्थान पर इस संचलन का स्वागत किया गया.