नवभारत न्यूज
रीवा, 25 अक्टूबर, 24 घंटे विद्युत सप्लाई का दावा सरकार द्वारा किया जा रहा है पर अघोषित बिजली कटौती से किसान और उपभोक्ता परेशान है. इस समय रवी की बोनी के तैयारी में किसान लगे हुए है, खेतो में पलेवा का काम चल रहा है पर बिजली की अघोषित कटौती से सिंचाई का कार्य प्रभावित हो रहा है. कब बिजली सप्लाई बंद हो जाय कोई भरोसा नही रहता.
कभी फाल्ट के नाम पर तो कभी विद्युत सुधार के नाम पर सप्लाई बंद कर दी जाती है और कई घंटो तक विद्युत आपूर्ति बहाल नही की जाती, किसान बिजली के इंतजार में बैठे रहते है. जिले भर में इस समय विद्युत सप्लाई की हालत खराब है, खासक उन ग्रामीण क्षेत्रो की जो अंतिम छोर पर है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस समय मेंटीनेंस का कार्य चल रहा है ताकि किसानो को अच्छी बिजली बिना रूकावट के प्रदान की जा सके. शहर में भी चार से पांच घंअे की अघोषित बिजली की कटौती हो रही है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्रामीण अंचल में बिजली की क्या हालत होगी. कई जगह वितरण ट्रंासफार्मर जले हुए है सबसे ज्यादा मऊगंज एवं त्योंथर क्षेत्र के वितरण ट्रांसफार्मर जले है जिन्हे नही बदला जा रहा है. हालाकि अधिकांश ऐसे ट्रांसफार्मर है जिन पर बिजली का बिल बकाया है जिसके कारण बदलने की कार्यवाही नही हो रही. आकड़े के मुताबिक जिले में 140 से अधिक वितरण ट्रांसफार्मर फेल है, रवी की बोनी के साथ सिंचाई के लिये बिजली की मांग बढ़ गई है. इस समय किसान पलेवा लगा रहे है और चना के साथ दलहन फसल की बोनी कर रहे है. दीपावली के बाद तेजी से बोनी शुरू होगी, ऐसे में बिजली की मांग और बढ़ेगी. किसान मोर्चा के संयोजक शिव सिंह का कहना है कि किसान बिजली को लेकर परेशान है, सिंचाई के लिये पर्याप्त बिजली नही मिल रही है. नदी तालाब एवं नाले में मोटर पम्प लगाकर किसान बैठा है कब बिजली चली जाए कोई भरोसा नही है. ट्रांसफार्मर जले है शिकायत करने के बाद भी नही बदले जा रहे है. उन्होने बताया कि एक दिन पूर्व कलेक्टर को इस मामले में ज्ञापन भी सौपा जा चुका है. उधर अधीक्षण यंत्री बीके शुक्ला का कहना है कि नियम के मुताबिक जले ट्रांसफार्मर बदले जा रहे है और विद्युत सपलाई भी बराबर ग्रामीण अंचल पर की जा रही है.