कोलकाता, (वार्ता) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को जूनियर डॉक्टरों को सोमवार को नबन्ना में मिलने के लिए आमंत्रित किया। इससे पहले प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था कि या तो उनकी 10 सूत्री मांगें मान ली जाएं, अन्यथा वे ऐसा करना जारी रखेंगे और मंगलवार को सरकारी एवं निजी दोनों अस्पतालों में एक दिन की सामान्य स्वास्थ्य हड़ताल बुलाने के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ेगा।
सुश्री बनर्जी ने राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत के माध्यम से फोन पर डॉक्टरों को बुलाया जिसने बाद में राज्य के गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती के साथ उपवास स्थल एस्प्लेनेड का दौरा किया।
उन्होंने जूनियर डॉक्टरों को सोमवार शाम पांच बजे मिलने के लिए आमंत्रित किया है और उनसे अनशन और विरोध समाप्त कर ड्यूटी पर लौटने की अपील की है। चिकित्सकों ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि वे उन्हें सोमवार को मिलेंगे लेकिन जब तक उनकी 10 सूत्री मांगों पर सहमति नहीं हो जाती तब तक वे अनशन और विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
डॉ बिप्रेश चक्रवर्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री को डॉक्टरों की मांगों के बारे में पूरी जानकारी नहीं होगी और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि वह राज्य की स्वास्थ्य मंत्री भी हैं।
सुश्री बनर्जी ने कहा कि उन्हें मांगों पर विचार करने के लिए तीन-चार महीने का समय चाहिए, जबकि वह जूनियर डॉक्टरों के उपवास स्थल पर फोन पर चिकित्सकों से बात कर रही थीं, जो आज 15 वें दिन में प्रवेश कर गया।
सुश्री बनर्जी ने कहा,“मैंने सीपी, डीएमई, डीएचएस को हटा दिया है लेकिन सभी को नहीं हटा सकती। चुनाव सहित अन्य मांगों पर विचार करने के लिए 3/4 महीने की आवश्यकता है। कृपया भूख हड़ताल से हट जाएं।”
चिकित्सकों ने कहा कि वे उससे सीधी बातचीत करना चाहते हैं और कहा कि उन्हें उनकी गतिविधियों के बारे में गलत जानकारी दी गई थी।
डॉक्टरों ने राज्य सरकार को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सोमवार तक का समय दिया था, जिसमें विफल रहने पर उन्होंने अगले मंगलवार को राज्यव्यापी हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी।
उत्तर 24 परगना में पीड़ित के शोक संतप्त माता-पिता के स्थान सोधपुर से धर्मतला तक एक विशाल रैली का आयोजन किया गया और यह राज्य के इतिहास में अब तक की सबसे लंबी रैली है।
ईस्ट बंगाल और मोहन बागान के प्रशंसकों ने इसके अलावा साल्ट लेक स्टेडियम तक एक और विशाल रैली निकाली और उत्तरी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अपने कार्यस्थल पर बलात्कार और हत्या की शिकार हुई 31 वर्षीय महिला द्वितीय वर्ष की स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की।