नयी दिल्ली 16 अक्टूबर (वार्ता) राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग शुक्रवार को 31वें स्थापना दिवस पर एक समारोह का आयोजन कर रहा है जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बतौर मुख्य अतिथि होंगे।
समारोह में आयोग की कार्यवाहक अध्यक्ष विजया भारती सयानी , महासचिव भरत लाल , आयोग के वरिष्ठ अधिकारी और कई राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य हस्ती शामिल होंगे।
आयोग वृद्धजनों के अधिकारों पर आधारित एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का भी आयोजन करेगा, जिसका विषय ‘ भारत के बुजुर्गों के लिए संरचनात्मक ढांचे, कानूनी सुरक्षा उपाय, सुरक्षा अधिकार और संस्थागत संरक्षण का आकलन’ होगा। सम्मेलन तीन प्रमुख तकनीकी सत्रों के तहत वृद्ध व्यक्तियों की विभिन्न चिंताओं का समाधान करेगा। इन सत्रों में प्रख्यात विशेषज्ञ और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न हितधारक भाग लेंगे और उन्हें संबोधित करेंगे।
वृद्ध व्यक्तियों के अधिकारों के अलावा, आयोग समाज के सभी वर्गों खासकर कमजोर वर्गों से संबंधित अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिए काम कर रहा है। अपनी 31 वर्षों की यात्रा के दौरान आयोग ने स्वतः संज्ञान के 2,873 मामलों में 23 लाख 5 हजार और 194 लाख रूपये की राशि का समाधान किया है। साथ ही मानवाधिकार उल्लंघन के पीड़ितों को 8,731 मामलों में 254 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राहत के भुगतान की सिफारिश की है।
आयोग ने एक अक्टूबर 2023 से 30 सितंबर 2024 तक पिछले एक वर्ष के दौरान 68,867 मामलों का निपटारा किया और 404 मामलों में मानवाधिकार उल्लंघन के पीड़ितों को वित्तीय राहत के रूप में 17.88 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का भुगतान करने की सिफारिश की। इस अवधि के दौरान स्वत: संज्ञान लेते हुए 112 मामले भी दर्ज किए गए। इसके अलावा मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों की 19 बार मौके पर जांच की गई।
अपनी स्थापना के बाद से आयोग ने कई मौकों पर जांच, खुली सुनवाई और शिविर बैठकें आयोजित की हैं। आयोग द्वारा हाल ही में जारी की गई 31 सलाहों में बाल यौन शोषण सामग्री , विधवाओं के अधिकार, भीख मांगने में शामिल लोगों, भोजन का अधिकार, स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य का अधिकार, अनौपचारिक श्रमिकों के अधिकार, मृतकों की गरिमा को बनाए रखने, ट्रक ड्राइवरों के अधिकार, पर्यावरण प्रदूषण और उसमें गिरावट, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सलाह , कैदियों द्वारा जानबूझकर आत्महत्या करने और आत्महत्या के प्रयासों को कम करने के लिए सलाह और नेत्र आघात को रोकने तथा कम करने के लिए सलाह शामिल हैं।
आयोग ने कार्यस्थलों पर महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों से निपटने के लिए प्रकोष्ठ स्थापित करने के लिए विभिन्न खेल निकायों को नोटिस जारी किए हैं। यह सरकारी योजना के अनुसार हजारों बेघर व्यक्तियों को मुफ्त आवास प्रदान करने के लिए भी नियमित निर्देश जारी कर रहा है। सांप्रदायिक दंगों और आंतरिक संघर्षों के पीड़ितों को मुआवजा दिया जाता है। आयोग प्राकृतिक आपदाओं, भूमि अधिग्रहण और अन्य कारणों से विस्थापित व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए भी लगातार प्रयास करता रहा है। कर्ज में डूबे किसानों द्वारा आत्महत्या के मामलों में आयोग ने सफलतापूर्वक हस्तक्षेप किया है।
आयोग के कुछ अन्य महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों में 97 कानूनों में संशोधन की सिफारिश करना शामिल है, जो कुष्ठ रोगियों के खिलाफ भेदभाव करते हैं। सरकार ने परीक्षण-पूर्व चरण में एनएचआरसी की सलाह के आधार पर बंधुआ मजदूरों के लिए मुआवजे में वृद्धि की है।