ग्वालियर:जहां राम के चरित्र का गान होता है वहां हनुमान जी जरूर मौजूद रहते हैं और हनुमान जी का वरदहस्त जिस पर भी होता है श्रीराम उससे दूर नहीं रहते हैं। यह विचार पं माधव महाराज शास्त्री ने माहेश्वरी भवन डीडवाना ओली में आयोजित श्रीराम कथा में व्यक्त किए।रामकथा में पं माधव महाराज ने कहा कि रामायण को दोहा चौपाई सोरठा में सरलीकृत कर तुलसीबाबा ने राम के चरित्र को सुलभ बना दिया। मानस में सभी वेद पुराण और शास्त्रों का सार है।
मानस का नियमित रूप से स्वाध्याय कर उसके चरित्रों को यदि जीवन में अनुशरण कर लिया तो आपका कल्याण निश्चित है। आज के समय में राम चरित्र मानस सबसे अधिक प्रासंगिक है। अखंड रामायण के पाठ से हनुमान वहां विराजमान होकर प्रसन्न हो जाते हैं और जब हनुमान जी की कृपा होती है तो रामजी कल्याण करते हैं। इस अवसर पर मप्र उच्च न्यायालय के न्यायाधीश वाणीसाहब, गोपाल दास लडड़ा सीए, चन्द्रमोहन नागोरी, डॉ. पुरुषोत्तम जाजू, गोविन्द माहेश्वरी, सुदर्शन झबर, दीपक मुंदडा, डॉ प्रदीप राठी, अशोक नागोरी, कमल बागांड, प्रदीप जाजू आदि उपस्थित रहे।