श्रीनगर, 06 अप्रैल (वार्ता) सेना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारामूला में शुक्रवार को पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की नाकाम कोशिश देश में आम चुनाव से पहले कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने की पाकिस्तान की हताशा को प्रदर्शित करती है।
बारामूला जिले के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास शुक्रवार को दो अज्ञात आतंकवादी मारे गए जब वे कश्मीर में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे।
सेना ने एक बयान में कहा कि घुसपैठ रोधी अभियान के दौरान एलओसी के आसपास पाकिस्तान की अग्रिम चौकियों से रुक-रुक कर गोलीबारी की गई। सेना ने कहा कि भारतीय सेना ने संयुक्त अभियान में कल घुसपैठ की कोशिश को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया था।
उन्होंने कहा कि उरी सेक्टर में एलओसी के पार घुसपैठ की योजना बनाने और उसका अंजाम देने वाले आतंकवादी समूहों के बारे में कई खुफिया एजेंसियों से पहले ही कई जानकारियां प्राप्त हुई थीं। इन सूचनाओं और निगरानी के आधार पर घुसपैठ रोधी ग्रिड की समीक्षा की गई और उसे मजबूत किया गया। शुक्रवार तड़के उनकी निगरानी से पता चला कि आतंकवादियों का एक समूह नियंत्रण रेखा की ओर बढ़ रहा था।
सेना ने कहा कि “हमारे बलों ने शत्रुतापूर्ण हरकतों पर लगातार नज़र रखी और संपर्क स्थापित किया जिसके कारण भारी गोलीबारी हुई। जब अभियान चल रहा था, तब नियंत्रण रेखा के आसपास पाकिस्तान की अग्रिम चौकियों से भी रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही थी।” उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान दो आतंकवादी मारे गये और दो एके राइफल, तीन मैगजीन, चार हथगोले, गोला-बारुद तथा अन्य सामग्रियां बरामद की गई।
सेना ने कहा कि आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश से पाकिस्तान की हताशा का पता चलता है कि जो शांतिपूर्ण कश्मीर घाटी में ऐसे समय में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है जब आम चुनाव होने वाले हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पूरी हो रही है। उन्होंने कहा कि यह अभियान विभिन्न सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के बीच तालमेल का प्रदर्शन करती है जो कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बारामूला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदान पांचवें चरण में 20 मई को होना है और यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के समीप होने के कारण बहुत संवेदनशील है। बारामूला संसदीय क्षेत्र में कुपवाड़ा, बांदीपोरा और बारामूला के तीन जिले शामिल हैं और ये सभी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के साथ अपनी सीमाओं को साझा करते हैं।