समोशरण विधान : पूजन व शंखध्वनि के साथ हुआ ध्वजारोहण, आज निकलेगी घटयात्रा

विद्याधाम में उतर आया स्वर्ग, सौधर्म इंद्र इंद्राणी आज से करेंगे समोशरण मंगल विधान का पूजन

ग्वालियर: ग्वालियर महानगर में प्रथम बार विद्याधाम परिसर में आयोजित हो रहे 24 तीर्थंकर भगवान के अरिहत चक्र समोशरण विधान के भव्य दिव्य आयोजन के लिए आज दोपहर ग्वालियर के जैन बंधुओं एवं वर्षायोग कमेटी के पदाधिकारियों की उपस्थिति में पूजन पाठ व मंगल शंखध्वनि के बीच ध्वजारोहण किया गया। इससे पूर्व विद्वानों ने यंत्रजी का अभिषेक किया।
राष्ट्रमाता आर्यिकारत्न श्री पूर्णमति माताजी के सानिध्य में समोशरण के प्रतिष्ठाचार्य ब्र.नितिन भैया (खुरई) ने पुण्यार्जक बने डॉ. अमित जैन, डॉ. कविता जैन, प्रेमचन्द्र जैन मुरैना के करकमलों से ध्वजारोहण कराया। समोशरण के मंगल ध्वज के फहराते ही विद्याधाम परिसर जिनशासन, तीर्थकरों व गुरुओं के जयकारों व शंख के उदघोष से गूँज उठा। गुरुभक्ति में मगन होकर संगीतमय भजनों पर महिलाओं ने खूब नृत्य किए। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे विद्याधाम की पुण्य भूमि पर स्वर्ग स्थापित हो गया है।

वर्षायोग कमेटी के संयोजक विजय जैन, मीडिया प्रभारी ललित जैन एवं प्रतिष्ठाचार्य ब्र. नितिन भैया ने बताया कि कल गुरुवार, 10 अक्टूबर को प्रात:6.30 बजे गाजे बाजे के साथ घटयात्रा आरंभ होगी। महिलाएं सिर पर मंगल कलश धारण कर भजनों पर नृत्य करते हुए विद्याधाम से रवाना होंगी एवं सिरौल चौराहा, सचिन तेंदुलकर रोड आदि मार्गों से होते हुए वापस साक्षी एंक्लैब स्थित विद्याधाम पहुंचेंगी। कुंभकलश के पवित्र जल से समोशरण स्थल को शुद्ध किया जाएगा। इसके उपरांत विद्वानों के मार्गदर्शन में पूजा पाठ के साथ सभी 24 समोशरण पर श्रीजी विराजेंगे। इसके साथ ही अभिषेक, शांतिधारा एवं समोशरण के पूजन विधान आरंभ हो जाएंगे। प्रतिदिन प्रात: 9 बजे से आर्यिकारत्न माँ पूर्णमति के प्रवचन होंगे। संध्याकाल में महाआरती की जाएगी।
मंच पर चिट निकालकर इंद्र इंद्राणी के लिए तय होगा समोशरण
सौधर्म इंद्र इंद्राणी बने श्रावकगण भगवान आदिनाथ, पार्श्वनाथ, महावीर स्वामी आदि तीर्थकरों के समोशरण पर बैठने के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भाव से उत्साहित देखे जा रहे हैं। श्रावकों के इस भाव को देखते हुए घटयात्रा के उपरांत प्रात: 7 बजे मंच पर एक कलश में सभी नामों की पर्चियाँ डालकर चिट निकाली जाएगी। जिस समोशरण के लिए जिन सौधर्म इंद्र-इंद्राणी के नाम की चिट निकलेगी, वह उसी समोशरण के समक्ष बैठकर पूजन विधान कर सकेंगे। उन्हें अन्य समोशरण पर जाने की अनुमति नहीं होगी।
विद्याधाम के मंच पर प्रतिदिन होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम, दिल्ली से आए कलाकार
इस ऐतिहासिक समोशरण विधान के दौरान प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से विद्याधाम के मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। जैन संस्कृति, जिन शासन, सामाजिक समस्याओं एवं तीरथंकर भगवान की शिक्षाओं पर आधारित रंगारंग नृत्य नाटिकाओं की प्रस्तुति होगी। इसके लिए दिल्ली से लोकप्रिय कलाकार चक्रेश जैन अपनी टीम के साथ और भोपाल से संगीतकार रोहित एण्ड पार्टी आदि ग्वालियर पहुँच रहे हैं। स्थानीय कलाकारों को भी मौका दिया जाएगा।
दुनिया के आकर्षण में कहीं अपने लक्ष्य से भटक न जाना : माँ पूर्णमति
विद्याधाम में आज आयोजित भव्य धर्मसभा में राष्ट्रमाता आर्यिकारत्न माँ पूर्णमति ने प्रवचन करते हुए कहा कि परपदार्थो के आकर्षण में अपना बढप्पन मानना खुद को भूलने जैसी मूर्खता करने के समान है। तुम जिसे सुख समझ रहे हो, वह सुख का आभास मात्र है। ओस की बूंद चाटने से प्यास नहीं बुझती। लक्ष्मी यदि आई है तो एक दिन चली भी जाएगी। ये परपदार्थ न तुम्हारे हैं और न होने वाले हैं, जिस दिन इस सच को स्वीकार कर लोगे, उसी दिन तुम्हारे ज्ञानचक्षु जागृत हो जाएंगे। यदि दामन पर कोई दाग लग गया है, कोई पाप हो गया है तो आज ही धो डालिए, वरना अगले जन्म में सुबुद्धि मिली अथवा नहीं। बस यह ध्यान रखो कि दुनिया के आकर्षण में कहीं अपनी आत्मचेतना जागृत करने के लक्ष्य से तुम कहीं भटक न जाओ। धर्मसभा के आरंभ में शांतिधारा, अभिषेक, गुरुभक्ति की गई।

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