जिस दीवार से हुआ हादसा, वह 2004 में नगर निगम ने बनाई
एसडीएम की निगरानी में चल रही पड़ताल, आधा दर्जन विभाग से मांगा स्पष्टीकरण
महाकाल मंदिर के सामने हुई घटना में दो लोगों की हुई थी दर्दनाक मौत
उज्जैन:महाकाल मंदिर के सामने बड़ा गणेश मंदिर के समीप 27 सितंबर को एक दर्दनाक हादसा घटित हुआ ,जिसमें दीवार गिरने से एक महिला एक पुरुष की मौत हो गई थी, वहीं दो अन्य घायल हो गए थे ,जो अब तक भी उपचाररत है, हादसे के 10 दिन बाद दोषियों पर कार्रवाई के आसार नजर आने लगे हैं.नवभारत द्वारा की गई पड़ताल में सामने आया कि वर्ष 2004 के सिंहस्थ के दौरान नगर निगम ने महाराजवाड़ा स्कूल परिसर के समीप वह दीवार बनाई थी, जो 27 सितंबर शुक्रवार को अचानक भारी बारिश और बिजली की गड़गड़ाहट है के बीच ढह गई थी.
एसडीएम की निगरानी में जांच
जिस प्रकार से महाकाल मंदिर के सामने हादसा हुआ और दो लोगों की मौत के साथ ही दो लोग घायल हो गए थे, ऐसे में जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने एसडीएम एलएन गर्ग के नेतृत्व में जांच बिठा दी. एसडीएम गर्ग के द्वारा लगातार जांच की जा रही है और आधा दर्जन विभागों निर्माण एजेंसीयों से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है.
2004 के सिंहस्थ में हुई थी जल्दबाजी
गोपनीय पड़ताल में सामने आया कि नगर निगम ने वर्ष 2004 के सिंहस्थ में उक्त रिटर्निंग वॉल का निर्माण किया था जो आधी कच्ची और आधी पक्की बनाई गई थी, मात्र तत्कालीन महाकुंभ निपटाने के उद्देश्य से ताबड़तोड़ दीवार बनाई गई और बाद में उसका रखरखाव ठीक तरीके से नहीं हो पाया. उसका परिणाम यह हुआ कि 10 दिन पहले दीवार गिर गई और हादसा घटित हो गया.
सवाल यह दोषी कौन?
एसडीएम एलएन गर्ग के नेतृत्व में जो जांच चल रही है, उसकी रिपोर्ट कलेक्टर नीरज सिंह को प्रस्तुत होगी, इसके पश्चात निर्णय लिया जाएगा कि रिपोर्ट का निष्कर्ष क्या निकला है और कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी इंजीनियर दीवार गिरने के मामले में दोषी है.
आधा दर्जन डिपार्टमेंट की जांच
मिली जानकारी के अनुसार विकास प्राधिकरण, स्मार्ट सिटी, एमपी टूरिज्म, नगर निगम से लेकर पूर्व सिंहस्थ 2004 के अधिकारियों इंजीनियरों से लेकर मौजूदा ठेकेदार की भूमिका भी भी जांची जा रही है, और सभी से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
इनका कहना है
अभी जांच चल रही है, जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती कुछ कहा नहीं जा सकता.
– एलएन गर्ग, एसडीएम