सड़क दुर्घटना में तीन बाईक सवारों की हुई दर्दनाक मौत 

* बहरी थाना अंतर्गत नेशनल हाईवे-39 में नेबूहा बांध के समीप बल्कर से हुआ भीषण हादसा

 

नवभारत न्यूज

सीधी/बहरी 6 अक्टूबर।राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 39 में शनिवार की देर रात रफ्तार का कहर देखने को मिला। तेज रफ्तार बल्कर की ठोकर से बाईक में सवार तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद खून से लथपथ तीनों लोगों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन यहां समय पर उचित उपचार न मिलने से एक जीवित घायल ने भी तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। जिसके बाद आक्रोषित परिजनों का गुस्सा भडक़ उठा। मिली जानकारी के अनुसार सिटी कोतवाली थाना सीधी अंतर्गत गाजर भमरहा निवासी मनीष यादव पिता मंगल यादव, मुकेश यादव पिता देवराज यादव, प्रकाश यादव पिता संजय यादव एक ही बाईक में सवार होकर शनिवार की रात करीब 9:30 बजे बहरी थाना अंतर्गत ग्राम चंदवाही रिश्तेदारी में जा रहे थे। कुबरी के आगे नेबूहा बांध के समीप न्यू राजपूत ढ़ाबा के पास जब यह सभी पहुंचे तो उनकी बाईक को तेज रफ्तार में आ रहे बल्कर ने ठोकर मार दिया। बताया गया है कि सडक़ हादसा इतना भीषण था कि मौके पर ही दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। सूचना मिलते ही बहरी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और खून से लथपथ तीनों व्यक्तियों को तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की गई। जिला अस्पताल में जब घायलों को पहुचाया गया तो उस दौरान वहां तात्कालिक रूप से उपचार सुविधा मुहैया कराने की जरूरत नहीं समझी गई। ड्यूटी में मौजूद चिकित्सा अमला केवल कागजी कार्यवाही करने में जुटा रहा। जबकि सडक़ हादसे में गंभीर रूप से घायलों की जान बचाने के लिए उन्हें जल्द से जल्द उपचार सुविधा मुहैया कराया जाना चाहिए। इसी लापरवाही के चलते एक घायल जिसकी सांस चल रही थी उसे समय पर उपचार सुविधा न मिलने के कारण उसने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। हादसे के बाद आक्रोषित परिजनों का गुस्सा भडक़ उठा और उनके द्वारा जिला अस्पताल के डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य अमला पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बबाल मचाना शुरू कर दिया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी एवं पुलिस अमला पहुंचा और समझाईस देक मामले को शांत कराया।

 

डॉक्टरों पर मृतक के परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

 

जिला अस्पताल में हादसे के बाद पहुंचाए गए खून से लथपथ तीनों लोगों की जान बचाने के लिए परिजन वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मचारियों के आगे गिड़गिड़ाते रहे कि जल्द से जल्द डॉक्टरों को बुलाया जाए जिससे उपचार शुरू हो सके। विडंबना यह रही कि ड्यूटी में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी केवल कागजी खानापूर्ति में समय व्यतीत करते रहे। इसके बाद ड्यूटी डॉक्टर द्वारा परीक्षण के पश्चात दो लोगों को मृत घोषित कर दिया और उपचार शुरू होते ही तीसरे घायल ने भी दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप था कि यदि जिला अस्पताल में आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था बेहतर होती तो घायलों को यहां पहुंचाते ही त्वरित उपचार शुरू हो जाता। जिला अस्पताल में तो आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प है। यहां आपातकालीन ड्यूटी में तैनात डॉक्टर स्वत: पूरी तरह से लापरवाह नजर आते हैं। वहीं आपातकालीन चिकित्सा कक्ष में अन्य जिन स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी लगती है वह भी पूरी तरह से सुस्त नजर आते हैं। आपातकालीन कक्ष में मरीजों की त्वरित उपचार सुविधा प्रारंभ करने की सही व्यवस्था नहीं है। इसी वजह से सडक़ हादसे में जिन घायलों की सांस चलती रहती है उन्हें तत्काल उपचार सुविधा न मिल पाने के कारण बचाने में सफलता नहीं मिलती। घायलों के लिए एक-एक सेकंड उपचार के मामले में काफी अहम होता है।

Next Post

हिन्दु महिला के साथ घूम रहे मुस्लिम युवक को पकडकर मारपीट की बजरंग दल के लोगो ने

Sun Oct 6 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email लोकेशन शुजालपुर   हिंदू विवाहित महिला के साथ शुजालपुर की एक होटल के पास  में घूमते मिले मुस्लिम युवक की टेम्पो चौराहे पर बजरंगियों ने जमकर पिटाई की। घटना का वीडियो वायरल हुआ है। 4 अक्टूबर शुक्रवार […]

You May Like

मनोरंजन