नगर निगम के बजट ने चौंकाया
इंदौर. मध्य और मज़दूर वर्ग अपने रोज़गार की चिंता कर रहा है और अपेक्षा कर रहा था कि इस बार केंद्र या प्रदेश सरकार कुछ नया करेगी. लेकिन नगर निगम के बजट ने सभी को चौका दिया. इस वर्ष के नगर निगम द्वारा बजट दिया गया जो की प्रति वर्ष आम आदमी पर बड़ा भार पड़ने वाला है. जहां संपत्ति कर के साथ ही अन्य करों में भी वृद्धी की गई है.
वर्ष 2024-25 में नगर निगम द्वारा पेश किए गए बजट ने सभी को चौंका दिया है. जिस तरहा से संपत्ति कर में वृद्धि की गई है. उसको देखकर लगता है नगर निगम इस बार जमकर वसूली करने जा रही है. वही दूसरी ओर देखा जाए तो शहर के विकास कार्यो की स्थिति कुछ ठीक नहीं है क्योंकि प्रत्येक वार्ड की खस्ता हाल सीवरेज लाईन जर्जर पड़ी सड़कों को बनाने के लिए लंबे समय से नगर निगम ने ठेकेदारों को उनके कार्य का पैसे नहीं दिया है जिसके कारण शहर के अधिकांश क्षेत्रों में जनसुविधा प्रभावित पड़ी है. कचरा संग्रह से लेकर जल, संपत्ति कर जैसे करों में वृद्धी कर के नगर निगम ने आम जनता की चिंता बढ़ा दी है. एक तरफ पिछले कुछ वर्षो से बेरोज़गारी बढ़ी है. दूसरी तरफ व्यापार में भी कुछ बड़ा उछाल देखने को नहीं मिला. इस बजट को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने भी निशाना साधा है.
इनका कहना है…
शहर में सभी करोड़पति नहीं है. नगर निगम को इस तरह से करों में वृद्धि नहीं करनी चाहिए. सभी जैसे-तैसे निम्न और मध्य वर्ग का व्यक्ति कमाता है. अगर हर सुविधा में टैक्स बड़े तो आदमी घर की ज़रूरतें कैसे पूरी करेगा क्योंकि इस के अलावा राज्य और केंद्र द्वारा टैक्स भी लगाए जाते है.
– राजा सिंह
सरकार हो या नगर निगम टैक्स में कटौती करते हुए पहले व्यापार को बढ़ावा और रोज़गार पर ध्यान देना चाहिए. आज बेरोज़गारी बढ़ी है. व्यापारियों से पूछो की बाज़ार की क्या हालत है. हर चीज़ मंहगी होती जा रही है. आम आदमी इस बेरोज़गारी मंहगाई व्यापार में घाटा बढ़ते टैक्स की चक्की में पिसता जा रहा है.
– गोपाल बोरासी
भ्रष्टाचार को जन्म देने की तैयारी
जब संपत्ति और जल कर बढ़ाओगे तो आम आदमी पर सौ प्रतिशत भार पड़ेगा. जब निगम ने नया कुछ किया ही नहीं है तो निगम को किसी भी स्थिति में आधिकार नहीं है कि किसी भी प्रकार का संपत्ति, जल कर या कचरा शुल्क बढ़ाए. निगम भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है वो ज़्यादा वसूली कर नए भ्रष्टाचार को जन्म देने की तैयारी कर रहे है.
– चिंटू चौकसे नेता प्रतिपक्ष एवं पार्षद