हमारे शुद्ध पवित्र संकल्प जीवन के लिए सुरक्षा कवच”
इंदौर:“वर्तमान समय मानव मन की तामसिक वृत्तियों के कारण तमोप्रधानता बढ़ रही है, प्रकृति भी तमोप्रधान होने के कारण प्राकृतिक आपदाओं के रूप में अपना प्रकोप दिखा रही है। मनुष्य के अंदर काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार के कारण विघ्न बढ़ते जा रहे हैं और इन विघ्नों और परिस्थितियों के कारण मनोबल कमजोर होता जा रहा है। इन सब बातों से स्वयं की सुरक्षा आवश्यक है।”
उक्त विचार ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी सभागार में चल रहे तीन दिवसीय योग तपस्या कार्यक्रम के अंतर्गत माउंट आबू से पधारे ग्राम विकास प्रभाग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वरिष्ठ राजयोगी ब्रह्माकुमार राजू भाई ने रखें।आगे आपने कहा कि जहां योग तपस्या है, वहां जीवन में आने वाले विघ्न समाप्त हो जाते हैं। तपस्या अर्थात् शुद्ध पवित्र संकल्पों की एकाग्रता। शुद्ध पवित्र संकल्प हमारे जीवन के लिए सुरक्षा कवच है। इससे हम अपने बुरे संस्कारों को दैवी संस्कारों में बदल सकते हैं। शुद्ध विचारों के प्रकंपन से प्रकृति और वातावरण को भी शुद्ध बना सकते हैं। राजयोग के द्वारा मनोबल को बढ़ाकर, कितने भी हलचल के वातावरण में अचल अडोल रहकर जीवन की हर चुनौतियों को पार कर सकते हैं।
आगे आपने कहा कि मन को शुद्ध बनाने के लिए अन्न और जल की शुद्धि आवश्यक है। किसान जो खेती करते समय कीट पतंगों को मारने के संकल्प से कीटनाशक दवाइयां, रासायनिक खाद खेती में डालते हैं, उससे उपजे अन्न खाकर लोगों के मन में भी हिंसा के भाव उत्पन्न होते हैं। रासायनिक खाद के अधिक उपयोग से नई-नई बीमारियां भी बढ़ती जा रही हैं।
इन सब बातों से बचने के लिए ब्रह्माकुमारीज के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा चलाए जा रहे जैविक खेती एवं यौगिक खेती पर आपने प्रकाश डाला। माताएं, बहने भी घर में भोजन बनाते समय परमात्मा की याद में, पवित्र विचारों में भोजन बनाएं तो वह प्रभु प्रसाद बन जाएगा। प्रभु प्रसाद से सबके मन पवित्र होंगे, जिससे हमारा मन मंदिर, तन मंदिर और हमारा घर मंदिर बन जाएगा।कार्यक्रम में इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने ईश्वरीय महावाक्यों का वाचन करते हुए एक परमात्मा से लगन लगाने के लिए सभी को प्रेरित किया।कार्यक्रम का शुभारंभ विधिवत दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया। ब्रह्माकुमारी अनीता दीदी एवं उषा दीदी ने कार्यक्रम का संचालन किया।