कोलकाता ,05 अक्टूबर (वार्ता) पश्चिम बंगाल में सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों ने दूसरे चरण का अनिश्चितकालीन काम बंद वापस ले लिया है हालांकि एस्प्लेनेड में धरना-प्रदर्शन जारी रखा है।
सूत्रों के मुताबिक जूनियर डॉक्टरों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगो को पूरे किये जाने तक आज आधी रात से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) के बैनर तले डॉक्टरों ने शुक्रवार रात को घोषणा की कि वे 01 अक्टूबर से शुरू अपने काम बंद को वापस ले लेंगे, लेकिन जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, वे डोरीना क्रॉसिंग (एस्प्लेनेड) पर धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे।
डब्ल्यूबीजेडीएफ के डॉ .देबाशीष हलदर ने बताया कि डॉक्टरों ने सरकार को अपनी मांगों पर विचार करने के लिए एक समय सीमा भी तय की है, अन्यथा वे आज रात से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर चले जायेंगे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि डब्ल्यूबीजेडीएफ के निर्णय के अनुरूप अधिकतर जूनियर चिकित्सकों ने आज सुबह अपने-अपने अस्पतालों में काम करना शुरू कर दिया।
डब्ल्यूबीजेडीएफ ने स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय, स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को हटाने, सभी अस्पताल-मेडिकल कॉलेजों में केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली लागू करने , सभी अस्पतालों में डिजिटल बेड रिक्ति मॉनिटर स्थापित करने, प्रत्येक अस्पताल में टास्क फोर्स बनाने, सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और बाथरूम जैसी आवश्यक सुविधाओं की देखरेख के लिए जूनियर डॉक्टरों को चुनने की भी मांग की है। इसके अलावा अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने, स्थायी महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती करने, डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को तत्काल भरने , धमकी देने वाले सिंडिकेट की जांच के लिए जांच समितियों का गठन, छात्र परिषदों के लिए तत्काल चुनाव और सभी मेडिकल कॉलेजों में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) को मान्यता देने तथा डब्ल्यूबीएमसी (पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल) और डब्ल्यूबीएचआरबी (पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य भर्ती बोर्ड) के भीतर भ्रष्टाचार की जांच की भी मांग की है।