जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
इंदौर: देश के लगभग हर शहर के चौराहों पर महापुरूषों की प्रतिमाएं लगी होती है. यहां भारत के प्रति प्रेम और स्वतंत्रता की लड़ाईयों हमें याद दिलाती है लेकिन आज इन प्रतिमाएं ख़स्ता हाल में पहुंच रही है.इंदौर में प्रदेश के दूसरे शहरों से ज़्यादा महापुरूषों की बड़ी प्रतिमाएं लगी हुई है. इसका कारण यह में माना जाता रहा है कि अमर जवान एवं स्वतंत्रता सेनानी से लेकर देश के अधिनायकों से शहरवासी हृदय से सम्मान और प्रेम करते है. महात्मा गांधी, भीमराव अंबेडकर, वल्लभ भाई पटेल जवाहर लाल नेहरू, वीर सावरकर, लाल बहादुर शास्त्री, राजीव गांधी, माधवराव सिंध्या जैसे कई महापुरूषों की प्रतिमाएं चौराहे पर लगी है जो कि हमें देश की गाथा सदा ही याद दिलाती आ रही है.
लेकिन देखने में यह आ रहा है कि राजनीतिक अखाड़े के चलते शहर के चौराहों पर लगी प्रतिमाएं अनदेखी और रख रखाव के अभाव की भेंट चढ़ रही है. महात्मा गांधी प्रतिमा के आसपास फैली गंदगी और टूट-फूट संदेश पट्टिका पर गंदगी जम गई कि उसे पढ़ पाना भी संभव नहीं हो रहा. गांधी प्रतिमा जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो रही है. अगर शहर के अन्. चौराहों के चक्कर लगाए जाए तो साफ ज़ाहिर हो जाएगा कि नगर निगम या प्रशासन इनके रखरखाव पर कितना ध्यान देता है.
इनका कहना है
पुण्यतिथि पर जिन महापुरूषों प्रतिमाओं पर पुष्प चढ़ाकर देश के लिए अच्छी कामनाए मांगी जाती है. आज वही की स्थिति बदहाल हो रही है जिन्हें अब राजनीति की नज़र से देखा जा रहा है, जो गलत है.
– जुनैद आलम
हम अपने बच्चों और अपने वाली नस्लों को इन महापरूषों का परिचय कैसे करवाएंगे. धीरे-धीरे यहां विलुप्त की कगार की ओर जा रही है. इन्हें बचाना होगा. यहां हमारे इतिहास की धरोहर है.
– राकेश अरोड़ा
महापुरूषों की प्रतिमाओं के चारों और राजनीति तो कभी अयोजन के होर्डिंग लगा दिए जाते है. इन प्रतिमाओं पर लाखों रूपए खर्च किया गया लेकिन आज इन के मैंटेनेंस पर कुछ भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
– प्रवीण मिश्रा