जागरूकता
इंदौर: साइबर फ्रॉड की घटना लगातार बढ़ती जा रही है. इसी तरह सोशल मीडिया पर विज्ञापन के माध्यम से भी साइबर फ्रॉड हो रहे है. सोशल मीडिया में सर्फिंग के दौरान आने वाले विज्ञापन भी ठगी का नया तरीका बन गया है. इसमें सोशल मीडिया में विज्ञापन पर दिए नंबर को कॉल करने के साथ घटनाएं घट रही है.साइबर सुरक्षा अब हमारी जिंदगी के लिए काफी अहम हिस्सा हो गई है. इसी को दृष्टिगत रखते हुए नवभारत अलग-अलग तरीकों से होने वाले साइबर फ्रॉड से पाठकों को अवगत कराने की मुहिम चला रहा है. आज इसी मुहिम में आपके साथ सोशल मीडिया पर आने वाले विज्ञापन नंबरों से होने वाली ठगी की जानकारी आपको दे रहे है.
सामान्य तौर पर हम सभी सोशल नेटवर्किंग साइट्स इंस्टाग्राम या फेसबुक चलाते है. उक्त साइट्स पर बीच बीच में लुभावने विज्ञापन भी आते है, जिसमे कई स्कीम के माध्यम से पैसा लगाने और उससे होने वाले फायदे या फिर जॉब या ऑफिस की जगह से लेकर कई तरह के बिजनेस शुरू करने ऑफर भी होते है. इसके लिए विज्ञापनों पर कुछ कॉल नंबर दिए जाते है, जिनसे कॉन्टेक्ट करने का ऑफर होता है. कॉन्टेक्ट नंबर पर सोच समझ कर कॉल करे, अन्यथा आपके नंबर से साइबर फ्रॉड करने वाले ठग, बैंक का अकाउंट नंबर और जानकारी निकाल कर, ऑफर करते है. उनके ऑफर में शामिल होते ही आप ठगी का शिकार हो जाते है.
नंबरों पर काल नहीं करें
इंदौर क्राइम ब्रांच और साइबर सेल के इंचार्ज एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने कहा कि सोशल मीडिया पर सर्फिंग के दौरान बीच बीच में आने वाले विज्ञापन के नंबरों पर कॉल नहीं करे. अन्यथा आप साइबर फ्रॉड के शिकार हो जाएंगे. किसी भी कंपनी की अधिकृत जानकारी निकालकर ही सुरक्षा के साथ व्यवहार या बिसनेस कार्य करें.