राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शताब्दी वर्ष में आदिवासी अंचल में अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए लगातार सक्रिय है. इसके लिए कार्य योजना बनाई गई है. मध्य प्रदेश में संघ के महाकौशल, मध्य भारत और मालवा प्रांत आते हैं. तीनों प्रांतों में इन दिनों बैठकों का दौर है. मालवा प्रांत की कार्यकारिणी की एक बैठक शनिवार से झाबुआ में प्रारंभ हुई, जो 12 अगस्त तक चलेगी. इसमें प्रांत संघ चालक डॉक्टर प्रकाश वीर शास्त्री, प्रांत कार्यवाह विनीत नवाथे, प्रांत प्रचारक राजमोहन सिंह सभी आठ विभागों की तथा जिलों की टीम हिस्सा ले रही हैं. इसके पहले मध्य भारत प्रांत की भी बैठक हो चुकी है.
मध्य भारत प्रांत में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का कार्य विस्तार तेज गति से हो रहा है. पूरे प्रांत में संघ रचना के 1814 ग्रामीण मंडल हैं. एक वर्ष में 150 नए मंडलों में काम प्रारंभ हुआ है. वर्तमान में 820 मंडलों में शाखा और 260 मंडलों में साप्ताहिक मिलन के माध्यम से संघ का दैनंदिन कार्य चल रहा है. नगरीय क्षेत्रों को बस्ती रचना में विभाजित किया गया है. कुल 760 बस्तियों में से 550 बस्तियों में शाखा या मिलन के माध्यम से कार्य है. शताब्दी वर्ष में अगले 2 वर्षों में सभी मंडल एवं बस्तियां शाखा या साप्ताहिक मिलन युक्त करने का लक्ष्य है.
सूत्रों के अनुसार मध्य क्षेत्र की बैठकों जनसंख्या असंतुलन, शताब्दी वर्ष में संघ कार्य विस्तार, देश एवं अपने प्रांत में स्वावलंबी भारत योजना, पर्यावरण कार्य, समरसता, कुटुंब प्रबोधन, संघ के स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों आदि पर विस्तृत चर्चा हो रही है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष आगामी वर्ष 2025 में पूरे होने जा रहे है. शताब्दी वर्ष में सभी नगरों एवं खंडों में 2 वर्षीय विस्तारक निकालने की योजना बनाई गई है.