छोटी जोत की चुनौती से निपटने का प्रयास

नयी दिल्ली,28 सितंबर (वार्ता) केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा है कि सरकार दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करने, टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने‌ और छोटे आकार की जोत की चुनौती से निपटने के लिए नीतियां लागू कर रही है।

डॉ. चतुर्वेदी ने शुक्रवार देर शाम यहां विश्व बैंक के दक्षिण एशियाई क्षेत्र के उपाध्यक्ष मार्टिन रेजर के साथ बैठक की। बैठक का एजेंडा केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की प्राथमिकताओं पर चर्चा करना तथा मृदा स्वास्थ्य, जलवायु अनुकूल कृषि और कार्बन बाजारों तक पहुंच तथा डिजिटल कृषि सहित मौजूदा मुद्दों पर सहयोग को गहरा करना था।

बैठक में केंद्रीय सचिव ने कहा कि सरकार किसानों की सेवाओं में सुधार लाने तथा बड़े पैमाने पर व्यवहार परिवर्तन लाने के लिए नीतियों को लागू करने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने विश्व बैंक के प्रतिनिधिमंडल को कृषि क्षेत्र में सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी दी।

बैठक के दौरान, छोटे और सीमांत किसानों को कार्बन क्रेडिट का लाभ सुनिश्चित करने के तरीकों, खेतों के आकार में कमी की चुनौतियों, किसान उत्पादक संगठन तक पूंजी की पहुंच, आदान के सतत उपयोग के लिए बड़े पैमाने पर व्यवहार परिवर्तन के लिए डिजिटल और मृदा स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का लाभ उठाने, किसानों को टिकाऊ कृषि पद्धतियों तथा जलवायु अनुकूल और लचीली कृषि को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नीतियां तैयार करने पर चर्चा की गई।

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