ओंकारेश्वर
16 श्राद्ध में सभी अपने पितरों का तर्पण करते हैं इसी तारतम में ओंकारेश्वर के निकट गया शीला नामक स्थान है जिसकी मान्यता पंडित रुक मंगत शुक्ला ने कहा
पांडव कॉल में भगवान श्री कृष्ण से पांडवों ने अपने वनवास के समय अपने पितरों के तर्पण के लिए आग्रह किया था कि हमें एक स्थान बताएं जहां पर हम अपने पितरों का तर्पण कर सके तभी भगवान श्री कृष्ण ने कृष्ण अवतार में अपने चरण यहां पर रखें जिसके फल स्वरुप यहां एक मंदिर स्थापित किया गया तभी से द्वापर युग से ही ओंकारेश्वर के निकट गया शीला नामक स्थान पर 16 श्राद्ध में सभी यहां पर पितरों का तर्पण के लिए आते हैं एवं पूजन पाठ करते हैं जिससे पितरों को शांति मिलती है एवं आने वाली पीढ़ी आदि सभी को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे सबपर कृपा बनी रहती है और धन-धान्य से सुखी रहते हैं ऐसी मान्यता है