आईडीए की योजना 171 से जमीन मुक्त होने की कारवाई अगले सप्ताह से

हाई कोर्ट में शपथ पत्र देकर अग्रिम कारवाई को कहा
संस्थाओं के प्लॉट धारकों को मिल सकेगा कब्जा
इंदौर: आईडीए की बहुचर्चित योजना 171 जमीन अब पूरी तरह से मुक्त हो जाएगी. करीब 7 सौ एकड़ से ज्यादा जमीन पर कई गृह निर्माण संस्थाओं की जमीन उलझ गई थी. संस्थाओं की जमीन उलझने से लगभग साढ़े पांच हजार से ज्यादा प्लॉट धारकों का पैसा फंस गया था. आईडीए ने उक्त योजना का हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर जमीन मुक्त करने आवेदन भी दे दिया है.
आईडीए की योजना 171 जो पहले 132 थी, अब वापस लेने की अंतिम प्रक्रिया में शामिल हो गई है. इसके साथ ही उक्त योजना से संस्थाओं के प्लॉट का कब्जा आसानी से प्लॉट धारक को मिल सकेगा. उक्त योजना में कई बड़े भू माफिया बॉबी छाबड़ा, दीपक माद्दा जैसे लोगों ने संस्थाओं की जमीन में हेराफेरी करके सौदे कर दिए थे. मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया था. मुख्यमंत्री के निर्देश पर संस्थाओं की जांच हुई और बॉबी और माद्दा की जमीन हेराफेरी सबके सामने आई.

इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर मनीषसिंह ने 30 साल से भटक रहे प्लॉट धारकों को संस्थाओं से कब्जे दिलाने में मदद की. आईडीए ने योजना लागू करने से पहले जानकारी नहीं ली, उसी का परिणाम है कि योजना को मुक्त करना पड़ा है. इसका बड़ा कारण निजी जमीन मालिकों और संस्थाओं ने भी कोर्ट में परिवाद प्रस्तुत कर योजना का विकास नहीं होने दिया.
आईडीए उक्त योजना में शामिल जमीन का 10 प्रतिशत विकास नहीं कर पाया. यह बात नियमानुसार आईडीए के विरोध में चली गई और जमीन मुक्त करने के लिए हाई कोर्ट में शपथ पत्र देकर अग्रिम कारवाई करने का कहा है.
आईडीए सीईओ रामप्रकाश अहिरवार ने कहा कि सहकारिता विभाग और प्रशासन से सूची मिल गई है. आईडीए उसका प्रारूप पर काम कर रहा है और अगले सप्ताह में इसका प्रकाशन कर देगा. इसके दो माह के भीतर सभी संस्थाओं और निजी जमीन मालिकों को आईडीए में पैसा जमा करना होगा.

13 संस्थाओं के 5 हजार 5 सौ से ज्यादा प्लॉट धारकों को राहत
आईडीए की योजना 171 में 13 संस्थाओं के 55 सौ से ज्यादा प्लॉट धारकों को राहत मिलेगी. आईडीए की उक्त योजना में देवी अहिल्या श्रमिक कामगार, न्याय विभाग, इंदौर विकास गृह निर्माण, मजदूर पंचायत, लक्ष्मण, सूर्या, मारुति, सन्नी को ऑपरेटिव, रजत, त्रिशला, संजना श्रीकृपा और अप्सरा गृह निर्माण संस्थाओं की जमीन शामिल की गई थी.

आईडीए के करीब 6 करोड़ रुपए खर्च
आईडीए के योजना 171 में करीब 6 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. उक्त सभी संस्थाओं से योजना में खर्च की राशि आईडीए अनुपात में वसूल करेगा. इसका विवरण और राशि के लिए प्रकाशन करेगा.

ऐसे बनी थी 132 से योजना 171
आईडीए ने 1990 से 1992 के बीच लागू की योजना
आईडीए ने योजन 132 लागू की थी. उक्त योजना को लेकर पुष्ष विहार और अन्य संस्थाओं ने आपत्ति ली थी, लेकिन आपत्ति को अनदेखा कर के लागू की. बाद में मामला हाईकोर्ट में चला गया और आईडीए के तर्क से असहमत होकर कोर्ट ने योजना निरस्त के आदेश दिए. आईडीए ने योजना निरस्त कर दी, लेकिन 2009 में फिर योजना 171 के नाम से लागू कर दी. जनप्रतिनिधियों और योजना का 10 प्रतिशत भी विकास नहीं होने से आईडीए को जमीन मुक्त करने का निर्णय लेना पड़ा.

अब आईडीए ने लिया है यह निर्णय
आईडीए को सहकारिता और प्रशासन ने सूची दे दी है. अब आईडीए ने सूची का प्रारूप बना लिया है. सूची और राशि का विवरण के साथ दो माह में राशि जमा करने का प्रकाशन करेगा. यह राशि योजना में शामिल सभी संस्थाओं और निजी जमीन मालिकों को व्यय के अनुपात अनुसार आईडीए खाते में जमा करना होगी.

Next Post

नेक्सन आईसीएनजी और नेक्सन ईवी 45 केडब्ल्यूएच लॉन्च

Wed Sep 25 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email नयी दिल्ली (वार्ता) यात्री वाहन निर्माता टाटा मोटर्स ने अपनी लोकप्रिय एसयूवी नेक्सन का आईसीएनजी मॉडल के आज लॉन्च की घोषणा की और नेक्सन ईवी रेंज में नए 45के डब्ल्यूएच बैटरी पैक और फ्लैगशिप रेड हॉट डार्क […]

You May Like

मनोरंजन