रादुविवि के रिटायर्ड अधिकारी को हाईकोर्ट से राहत

समयमान वेतनमान दिये जाने के निर्देश

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट से रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त अधिकारी को राहत मिली है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने मप्र राज्य विवि सेवा के अधिकारी को समयमान वेतनमान दिये जाने के निर्देश अनावेदकों को दिये है। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि चार माह में भुगतान किया जाये अन्यथा ब्याज सहित भुगतान करना होगा।

यह मामला रादुविवि के उप कुलसचिव पद से वर्ष 2006 में सेवानिवृत्त हुए डॉ. शेषमणि पटेल की ओर से दायर किया गया था। जिसकी ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे व अक्षय खंडेलवाल ने पक्ष रखा। जिन्होंने बताया कि म प्र शासन ने 24 जनवरी 2008 को आदेश जारी किया और कहा कि 8 वर्ष की सेवा पूर्ति पर जिन अधिकारियों को पदोन्नति नहीं मिली है वो समय मान वेतन मान प्राप्त करेंगे। जिस पर याचिकाकर्ता ने आवेदन पेश किया, लेकिन शासन के वित्त विभाग ने यह कहकर आवेदन खारिज कर दिया कि विवि सेवा का लाभ 27 अगस्त 2015 से दिया जायेगा। जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली। जिस पर न्यायालय ने वित्त विभाग से जवाब तलब किया कि उन्होंने तिथि में बदलाव क्यों किया। जिस पर जवाब दिया गया कि याचिकाकर्ता उप कुलसचिव 27 अगस्त 2015 से सूची में आये है, जबकि आवेदक की ओर से कहा गया कि उक्त तर्क गलत है, क्योकि आवेदक 1983 में जब राज्य विश्व विद्यालय सेवा नियम बने थे, तभी अनुसूची में थे। याचिकाकर्ता की ओर से दिये गये तर्क से सहमत होते हुए न्यायालय ने शासन के आदेश को निरस्त कर चार माह में आवेदक के समयमान वेतनमान प्रदान किये जाने के निर्देश दिये।

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