चंडीगढ़, 16 सितंबर (वार्ता) वरिष्ठ काँग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि हरियाणा में प्रबल सत्ता विरोधी लहर चल रही है और मार्च में अपने “कार्य न करने वाले” मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हटा कर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व ने खुद ही यह स्वीकार किया है।
श्री चिदंबरम ने यहाँ प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि हरियाणा की अर्थव्यवस्था देश में सबसे अधिक खराब स्थिति में है और 2014 में जहां औसत प्रति परिवार कर्ज 79000 रुपये था, पाँच साल में बढ़कर एक लाख 82 हजार 922 रुपये हो गया। उसके बाद के आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं और अब तक यह काफी बढ़ चुका होगा।
उन्होंने कहा कि कृषि प्रधान हरियाणा में किसानों की हालत खराब है और पीएम किसान योजना और फसल बीमा योजना जैसी योजनाएं प्रदेश के किसानों की स्थिति में सुधार लाने में विफल रही हैं।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि खट्टर सरकार ने किसानों की समस्याएं हल करने के बजाय दमन और हिंसा की नीति अपनाई और किसानों के खिलाफ 250 से अधिक एफआइआर दर्ज की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति विकराल है और सीएमआईई के अनुसार हरियाणा की बेरोजगारी दर 37.4 है।
उन्होंने अग्निवीर योजना के बारे में कहा कि इस योजना ने रक्षा बलों को नुकसान पहुंचाया है, सैन्य तैयारियों को खतरे में डाला है और युवाओं को भी नुकसान पहुंचाया है।
पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने इनकार किया कि हरियाणा काँग्रेस में गुटबाजी है और कहा कि तीन या चार नेता ऐसे हैं जो खुद को अग्रणी मानते हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि यह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करता है।
काँग्रेस के मुख्यमंत्री के चेहरे के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि आम तौर पर काँग्रेस मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव से पहले पेश नहीं करती और सामान्य प्रक्रिया यह है कि चुनाव के बाद विधायकों से उनकी पसंद के बारे में पूछा जाता है और उसके आधार पर आलाकमान अंतिम निर्णय लेता है।