हत्या, हत्या के प्रयास और डकैती के मामले घटे
महिला के विरुद्द होने वाले गंभीर अपराध हुए कम
भोपाल,15 सितंबर. मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा अपराध नियंत्रण के संबंध में की जा रही कार्यवाहियों के सकारात्मक परिणाम परिलक्षित हुए हैं. राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (एससीआरबी) पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा वर्ष 2023 एवं 2024 के 1 जनवरी से 31 जुलाई तक हुए अपराधों की समीक्षा करने पर यह तथ्य प्रकाश में आया है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष के प्रथम 7 माह की अवधि में न सिर्फ कुल आईपीसी और बीएनएस अपराधों में कमी आई है, बल्कि विभिन्न प्रकार के गंभीर अपराध, महिलाओं, बच्चों और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विरुद्ध अपराधों में भी कमी आई है. जानकारी के अनुसार महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में जीरो टोलरेंस की नीति अपनाकर त्वरित कार्यवाही की जा रही है. इसके फलस्वरूप जहां एक ओर गैंगरेप के प्रकरणों में 19.01 प्रतिशत की कमी आई है, वहीं महिलाओं के विरुद्ध घटित क्रूरता तथा दहेज प्रताडऩा के अपराधों में 3.23 प्रतिशत की कमी आई है. महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाने के कारण ही छेड़छाड़ के अपराधों के प्रकरणों में 9.85 प्रतिशत की कमी हुई है. इसी प्रकार महिलाओं के विरुद्ध कुल होने वाले अपराधों में 7.91 प्रतिशत की कमी आई है. इसी प्रकार संपत्ति संबंधी अपराधों की समीक्षा में पाया गया कि लूट के अपराधों मे 23.22 प्रतिशत, नकबजनी में 9.53 प्रतिशत तथा सामान्य चोरी में 6.51 प्रतिशत की कमी हुई है. महिला संबंधी गंभीर अपराधों में आई कमी विगत 7 माह में महिलाओं के विरुद्ध घटित गंभीर अपराधों में कमी आई है. बलात्कार के प्रकरणों में 10.22 प्रतिशत, सामूहिक बलात्कार के प्रकरणों में 19.01 प्रतिशत, छेड़छाड़ के प्रकरणों में 9.85 प्रतिशत, दहेज प्रताडऩा में 3.23 प्रतिशत की कमी आई है. इसी प्रकार बच्चों (पॉक्सो एक्ट) के विरुद्ध घटित अपराधों में भी 14 प्रतिशत की कमी आई है. यह परिणाम, मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा महिलाओं एवं बच्चों की सहायता व सुरक्षा के लिए चलाये गये विभिन्न कार्यक्रम जैसे ऊर्जा महिला डेस्क, आशा, मुस्कान, मैं हूं अभिमन्यु जैसे अभियान के कारण परिलक्षित हुये हैं. एससीएसटी के अपराध हुए कम विगत 7 माह में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विरुद्ध घटित गंभीर अपराधों में पिछली अवधि की तुलना में 22.04 प्रतिशत की कमी आई है. जो अपराध वर्ष- 2023 में (1 जनवरी से 31 जुलाई) 4033 थे, वह वर्ष 2024 मे घटकर 3144 हो गये है. इसी प्रकार अनुसूचित जाति/जनजाति के हॉटस्पॉट मे भी कमी आई है. यह मध्यप्रदेश पुलिस की इन वर्गों के प्रति संवेदनशीलता एवं व्यवसायिक दक्षता से संभव हुआ है.