परियोजना अधिकारी हर दिन पोषण ट्रैकर पोर्टल में फीडिंग की निगरानी करें: कमिश्नर
नवभारत न्यूज
रीवा, 12 सितम्बर, कमिश्नर कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में कमिश्नर बीएस जामोद ने महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा की. कमिश्नर ने कहा कि महिलाओं और शिशुओं की स्वास्थ्य रक्षा तथा इनका पोषण स्तर बढ़ाने के लिए मैदानी स्तर तक मॉनीटरिंग करें. जिला अधिकारी, परियोजना अधिकारी तथा सुपरवाइजर हर महीने निर्धारित संख्या में आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करें. निरीक्षण के दौरान विभागीय गतिविधियों की दर्ज जानकारी के सत्यापन के साथ हितग्राहियों से संवाद करें. गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों के घर जाकर उनके परिवारों से भेंट करके स्वास्थ्य रक्षा एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक करें. आंगनवाड़ी केन्द्र के संचालन और पोषण आहार वितरण की पोषण ट्रैकर एप से निगरानी की जाती है. परियोजना अधिकारी प्रतिदिन दोपहर एक बजे अपनी लॉगिन से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा दर्ज जानकारी की निगरानी करें. जिस आंगनवाड़ी केन्द्र से जानकारी दर्ज नहीं हुई है उसे दर्ज कराएं.
कमिश्नर ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग स्वास्थ्य विभाग से समन्वय बनाकर योजनाओं का क्रियान्वयन करे. समन्वय के लिए जिला, विकासखण्ड तथा सेक्टर स्तर पर बैठकों का आयोजन करें. आंगनवाड़ी केन्द्र में बच्चों को नाश्ते तथा गरम भोजन के वितरण एवं गर्भवती महिलाओं के टीएचआर वितरण को पोर्टल पर दर्ज कराएं. वास्तविक वितरण और पोर्टल में दर्ज जानकारी में बहुत अंतर है. जिला समन्वयक तथा ब्लाक समन्वयक पोषण ट्रैकर पोर्टल में दर्ज जानकारी की प्रतिदिन मॉनीटरिंग करके रिपोर्ट प्रस्तुत करें.
कमिश्नर ने कहा कि कुपोषित बच्चों की आंगनवाड़ी केन्द्रवार सूची तैयार कर लें. प्रत्येक कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चे को अतिरिक्त भोजन देने की व्यवस्था कराएं. बच्चे को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता अथवा अन्य मैदानी कर्मचारी की उपस्थिति में भोजन लिया जाए. गांव की जागरूक महिला भी इसमें सहयोग कर सकती हैं. कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराने के लिए दो माह की सूची तैयार कर लें. अधिकारी पोषण पुनर्वास केन्द्रों का भी हर माह भ्रमण अवश्य करें. सीधी और सिंगरौली में टीएचआर वितरण तथा कुपोषित बच्चों की फीडिंग में स्थिति संतोषजनक नहीं है.
बैठक में संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास श्रीमती ऊषा सिंह सोलंकी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के साथ जिला स्तर पर बैठकें करके दोनों विभाग समन्वय के साथ महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य रक्षा के लिए प्रयास कर रहे हैं. मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर पर नियंत्रण के लिए समय पर जाँच, उपचार और महिलाओं को जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे हैं. बैठक में गर्भवती महिलाओं तथा शिशुओं के टीकाकरण, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा पर्यवेक्षक के प्रशिक्षण, लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना तथा सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की गई. बैठक में संयुक्त कलेक्टर सिंगरौली संजीव पाण्डेय, उपायुक्त डीएस सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी रीवा श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय, सतना सौरभ सिंह, सिंगरौली आरआर गुप्ता, सीधी आरसी त्रिपाठी, मऊगंज उमेश मिश्रा, मैहर राजेन्द्र कुमार तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे.