संसदीय क्षेत्र सीधी से जनता ने एक -एक बार किसान मजदूर प्रजा पार्टी, सोशलिस्ट, जनता पार्टी, निर्दलीय और कांग्रेस ( तिवारी) को संसद भेजा
कृपाशंकर तिवारी
सीधी: लोकसभा सीधी के वर्ष 1952 में अस्तित्व में आने के बाद से 6 बार कांग्रेस एवं 6 बार भाजपा को जीत मिल चुकी है। संसदीय क्षेत्र सीधी से जनता ने एक -एक बार किसान मजदूर प्रजा पार्टी, सोशलिस्ट, जनता पार्टी, निर्दलीय और कांग्रेस (तिवारी) को संसद भेजा। दरअसल लोकसभा सीधी को भी 8 विधानसभाओं से मिलाकर बनाया गया है। इसमें सीधी जिले की चुरहट, सीधी, धौहनी और सिहावल, सिंगरौली जिले की चितरंगी, सिंगरौली और देवसर, शहडोल जिले का ब्योहारी विधानसभा क्षेत्र शामिल है।
उक्त विधानसभाओं की वर्तमान में बात की जाए तो सिर्फ चुरहट को छोडक़र सभी जगहों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। लोकसभा सीधी पर शुरुआती चुनाव के दौरान सोशलिस्टों का कब्जा रहा जिसमें 1952 में किसान मजदूर प्रजा पार्टी फिर 1957 में सोशलिस्ट पार्टी ने जीत दर्ज की। फिर 1962 में आनंद चंद्र जोशी ने यह सीट कांग्रेस के हिस्से में डाली।पहले दो चुनाव में यह शहडोल सीट के साथ जुड़ी थी।1971 में इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के छोटे भाई राव रण बहादुर सिंह निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत गए।1977 में यहां पर जनता पार्टी की जीत हुई। 1996 में कांग्रेस ( तिवारी) से तिलकराज सिंह विजयी हुए थे।
आगे यह सीट बारी-बारी से कांग्रेस-भाजपा के पास रही है।आखिरकार 1998 में जगन्नाथ सिंह की जीत से यहां भाजपा ने अपना पांव जमाना शुरू किया।जिसके बाद सिर्फ एक उपचुनाव साल 2007 में हुआ जिसमें कांग्रेस के मानिक सिंह की जीत को छोडक़र यहां से लगातार भाजपा को जीत मिल रही है। चुनावी क्षेत्र के नए परिसीमन के बाद साल 2009 से भाजपा प्रत्याशी को सीधी संसदीय क्षेत्र से विजय मिल रही है।साल 2009 से लगातार तीन चुनाव जीतकर भाजपा यहां से हैट्रिक लगा चुकी है। यहां भाजपा का वोट प्रतिशत भी लगातार बढ़ रहा है।इस तरह साल 1962, 1967, 1980, 1984 और 1991 में यहां से कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई। वहीं साल 1989,1999,2004,2009,2014 और 2019 में यहां से भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली।
अब तक इन्होंने दर्ज की जीत
रीती पाठक-भाजपा 2014 और 2019
गोविंद मिश्रा-भाजपा. 2009
मानिक सिंह-कांग्रेस 2007
चंद्रप्रताप सिंह बाबा-भाजपा 1999 और 2004
तिलकराज सिंह-कांग्रेस (तिवारी)1996
जगन्नाथ सिंह -भाजपा 1989
मोतीलाल सिंह-कांग्रेस 1980, 1984, 1991
सूर्य नारायण सिंह-जनता पार्टी 1977
राव रणबहादुर सिंह-निर्दलीय 1971
भानू प्रकाश सिंह-कांग्रेस 1967
आनंद चंद्र जोशी-कांग्रेस 1962
भगवान दत्त शास्त्री-सोशलिस्ट पार्टी 1957
रण धमन सिंह-किसान मजदूर प्रजा पार्टी 1952
पहले आम चुनाव में गैर कांग्रेसी को मिली थी जीत
पहले आम चुनाव में शहडोल ने गैर कांग्रेसी सांसद चुनकर चौंकाया था। वह दौर देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का था। ऐसे में कांग्रेस का उम्मीदवार न चुना जाना एक बड़ी बात थी, जबकि विंध्यप्रदेश की बाकी सीटों पर कांग्रेस ने अपनी विजय पताका फहराई थी। पहले आम चुनाव के दौरान शहडोल में दोहरी निर्वाचन प्रणाली लागू थी और दोनों सीटों पर गैर कांग्रेसी नेताओं ने अपना परचम फहराया था। पहले आम चुनाव में सीधी-शहडोल सीट से किसान मजदूर प्रजा पार्टी के रण धमन सिंह और सोशलिस्ट पार्टी के भगवान दत्त शास्त्री जीतकर संसद पहुंचे थे