प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दुनिया के अमीरतम लोगों में शुमार बिल गेट्स के बीच हाल ही में एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई. इस मुलाकात में बिल गेट्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इंटरव्यू नुमा चर्चा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में भारत में तेजी से बढ़ रहे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अत्यधिक तकनीक के उपयोग के संबंध में चर्चा की. दरअसल,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआइ के दौर में चीजें बदल रही हैं. काम की रफ्तार और स्वरूप बदल रहा है.काम आसान हो रहा है.इस समय देश में बिजनेस में नए अवसर देखने को मिल रहे हैं. एआई तकनीक के कारण सर्विस सेक्टर, इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर, धार्मिक पर्यटन, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, आइटी सेक्टर और फूड सेक्टर में अब लाखों रोजगार सृजित हो रहे हैं.इससे देश के आर्थिक विकास में मदद मिल रही है.सर्विस सेक्टर यानी सेवा क्षेत्र में तेजी से मांग बढ़ रही है.बीते महीने देश का सर्विस सेक्टर 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. आने वाले दिनों में भी सर्विस सेक्टर में तेज मांग बनी रहने की पूरी उम्मीद है.इस सेक्टर ने पार्ट टाइम और फुल टाइम, दोनों नौकरियों का सृजन किया है. यदि आज सबसे ज्यादा किसी एक सेक्टर की चर्चा है तो वह इंफ्रास्ट्रक्चर है.भारत में हर तरफ इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम हो रहा है. 2023-24 के बजट में बुनियादी ढांचे में सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपए निवेश का प्रावधान किया था, जो 2019-20 से 3 गुना ज्यादा है. साफ है कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का विशेष ध्यान है. इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े बिजनेस भी अब बूम पर रहने वाले हैं.हाईवे हों या एयरपोर्ट हों या रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट या रियल स्टेट, इन सबका बहुत तेजी से विकास हो रहा है. नई-नई कंपनियां खड़ी हो रही हैं. लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है. इस सेक्टर में अब अपार संभावनाएं हैं.बहरहाल, देश में पर्यटन उद्योग में बहुत तेजी आई है. इस उद्योग में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग होने लगा है. एक दशक पहले हम पर्यटन को लेकर विदेशी पर्यटकों पर निर्भर थे. विदेशी पर्यटकों के आंकड़ों से पर्यटन उद्योग की स्थिति का अनुमान लगाते थे, लेकिन पिछले 10 सालों में देशी पर्यटकों ने विदेशी पर्यटकों से हो रहे व्यवसाय को बहुत पीछे छोड़ दिया है.देशी पर्यटकों ने देश के पर्यटन उद्योग को नए पंख लगा दिए हैं.खासकर धार्मिक पर्यटन से देशभर में लाखों रोजगार मिल रहे हैं.धार्मिक पर्यटन से जुड़ी प्रत्येक इंडस्ट्री में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद निश्चित रूप से धार्मिक पर्यटन और अधिक गति पकड़ेगा.गौरतलब है कि धर्मस्थलों से संबंधित भारत की ट्रैवल इकोनॉमी 3 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक की है और यह भारत की जीडीपी के करीब 2.3 प्रतिशत के बराबर है. भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बहुत तेजी से बढ़ रहा है और विदेशी निवेश को आकर्षित कर रहा है.एक रिपोर्ट के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 2025-26 तक एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है.यानी वर्ष 2024 में इसकी अच्छी गति देखने को मिलेगी. इस सेक्टर से बड़ी संख्या में लोगों को बिजनेस के अवसर मिलते हैं. ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स ही नहीं, कपड़ा उद्योग भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है.भारत में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी से जुड़े बिजनेस पिछले कुछ वर्षों में देश में बहुत तेजी से बढ़े हैं. डिजिटल इंडिया की धमक पूरी दुनिया में नजर आ रही है. दुनिया भर में भारत के सॉफ्टवेयर निर्यात होते हैं और इस सेक्टर से करोड़ों लोग जुड़े हैं. अब इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के बुनियादी ढांचे में सुधार की तरफ भारत तेजी से आगे बढ़ा है.हर एक चीज का डिजिटलीकरण हो रहा है. 5 जी टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी आधुनिक तकनीकों पर भारत काम कर रहा है. एक अन्य सेक्टर भी भारत में तेजी से उभरा है, जिसे डेटा सेंटर उद्योग कह रहे हैं.एक अनुमान के अनुसार यह 5.6 अरब डॉलर का कारोबार है और भविष्य में इसके तेजी से बढऩे की उम्मीद है.इसके अलावा, भारत सेमीकंडक्टर, एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी, वेस्ट मैनेजमेंट जैसे उभरते सेक्टर में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. कुल मिलाकर उच्च तकनीक के सहारे भारत आर्थिक क्षेत्र में नई राह बनते दिख रहा है.
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