पांच दिन पहले अदालत में किया था सरेंडर
रिमांड के बाद आरोपी को भेजा गया जेल
भोपाल, 10 सितंबर. राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुए 19.48 करोड़ रुपये के घोटाले में फरार तत्कालीन कुलसचिव से पुलिस ने 30 लाख रुपये नकद और एप्पल कंपनी के 2 मोबाइल फोन बरामद किये हैं. आरोपी ने पांच दिन पहले न्यायालय के समक्ष सरेंडर किया था. पुलिस रिमांड के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया है. जानकारी के अनुसार राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ. मोहन सेन ने आरोपी सुनील कुमार तत्कालीन कुलपति, आरएस राजपूत तत्कालीन कुलसचिव, ऋषिकेश वर्मा तत्कालीन वित्त नियत्रंक, कुमार मयंक दलित संघ सोहागपुर एवं अन्य के विरुद्ध विश्वविघालय में विगत वर्षों में अनियमितता एवं अनाधिकृत रूप से आपराधिक षड्यंत्र कर विश्वविघालय की राशि 19.48 करोड़ रूपए निजी खातों में अंतरित किये जाने की रिपोर्ट की थी. इस पर गांधीनगर थाना पुलिस ने धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. इन आरोपियों की पहले हुई गिरफ्तारी जांच के दौरान एसआईटी ने आरोपी सुनील कुमार गुप्ता, कुमार मयंक, रामकुमार रघुवंशी, सुनील रघुवंशी, ऋषिकेश वर्मा, सीमा वर्मा, रोहित रघुवंशी, नंदकिशोर रघुवंशी, शिवम मैखुरी, रश्मि मिश्रा तथा रतन उमरे को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेजा था. जमानत निरस्त होने पर किया सरेंडर आरोपी राकेश सिंह राजपूत तत्कालीन कुलसचिव घटना के बाद से ही फरार चल रहा था. पिछले महीने 22 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय ने उसकी जमानत याचिका निरस्त कर दी थी. उसके बाद आरोपी राकेश सिंह ने बीती 5 सितंबर को न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था. उसके बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए उसे रिमांड पर लिया था. पूछताछ में पता चला कि आरोपी ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से राशि प्राप्त करने के बाद अपने तथा परिजनों के खाते में 17 लाख 64 हजार रुपये जमा करवाए थे. इस पर पुलिस ने आरोपी से 30 लाख रुपये नकद एवं एप्पल कंपनी के 2 मोबाइल फोन जब्त किए हैं. इसके अलावा ग्वालियर में 70 लाख रुपये कीमत का चार मंजिला भवन बनवाने और ग्वालियर में ही करीब 90 लाख रुपये कीमत का एक पांच मंजिला भवन निर्माणाधीन होने का पता चला है. पुलिस रिमांड के बाद आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है.