नयी दिल्ली 05 सितंबर (वार्ता) इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने उत्पाद नवाचार, विकास एवं वृद्धि (समृद्धि) के लिए इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के स्टार्टअप एक्सेलेरेटर्स के दूसरे समूह की चयन प्रक्रिया का शुभारंभ किया जिसके तहत 125 स्टार्टअप का चयन किया जाएगा और संभावित एक्सेलेरेटर के माध्यम से उन्हें सहायता प्रदान की जाएगी।
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर उत्पाद नीति (एनपीएसपी) – 2019 के तहत भारत के सॉफ्टवेयर उत्पाद उद्योग के विकास के लिए तल्लीनता के साथ प्रयासरत है। स्टार्टअप सहित भारतीय सॉफ्टवेयर उत्पाद उद्योग को विभिन्न कार्यक्रमों जैसे उत्कृष्टता केंद्र, तकनीकी इनक्यूबेशन व उद्यमियों का विकास (टीआईडीई) कार्यक्रम, अगली पीढ़ी की इनक्यूबेशन योजना (एनजीआईएस), आईसीटी ग्रैंड चैलेंज, नवाचारी स्टार्टअप के लिए जेन-नेक्स्ट सपोर्ट (जेनेसिस) आदि के माध्यम से सहयोग दिया जा रहा है।
समृद्ध, राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर उत्पाद नीति-2019 के तहत स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है। अगस्त 2021 में शुरू किए गए समृद्ध कार्यक्रम का उद्देश्य 4 वर्षों की अवधि में 99 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 300 सॉफ्टवेयर उत्पाद स्टार्टअप को सहायता प्रदान करना है। समृद्ध को पूरे भारत में संभावित एवं स्थापित एक्सेलेरेटर के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है, जो उत्पादों को बाजार के अनुकूल बनाने, व्यवसायिक योजना तैयार करने, निवेशकों से जुड़ने और स्टार्टअप्स के लिए अंतर्राष्ट्रीय संभावनाएं जैसी सेवाएं प्रदान करते हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के द्वारा 40 लाख रुपये तक का वित्त पोषण भी प्रदान करते हैं। इस योजना का कार्यान्वयन इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के स्टार्ट-अप हब (एमएसएच) और डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (डीआईसी) द्वारा किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम के दूसरे समृद्ध समूह का शुभारंभ कल इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन द्वारा किया गया। यह भारत सरकार के 100 दिवसीय एजेंडे का एक हिस्सा है, जिसके तहत संभावित एक्सेलरेटर के माध्यम से 125 स्टार्टअप का चयन और सहयोग किया जाएगा, ताकि 300 स्टार्टअप को विकसित करने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।
समृद्ध के पहले समूह में प्रस्तावों के लिए खुली आमंत्रण प्रक्रिया के माध्यम से 12 राज्यों से 22 एक्सेलरेटर चुने गए। इनकी सूची में सरकार से सहायता प्राप्त संगठन, शैक्षणिक संस्थान, निजी क्षेत्र और प्रारंभिक चरण के स्टार्ट-अप वित्तपोषण प्लेटफॉर्म शामिल हैं। इसके बाद ये एक्सेलरेटर बहु-स्तरीय स्क्रीनिंग प्रक्रिया के माध्यम से स्वास्थ्य-तकनीक, शिक्षा-तकनीक, कृषि-तकनीक, उपभोक्ता-तकनीक, वित्तीय-तकनीक, सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस (सास) और स्थिरता के केंद्रित क्षेत्रों में से चुने जाते हैं। प्रत्येक में 5-10 स्टार्टअप का चयन किया जाता है।