इसी दौरान कार्यालय अधीक्षक ने वेतनमान की वृद्धि नहीं देने का विरोध जताया और लेखा अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी भी की। इसी दौरान कार्यालय अधीक्षक ने सल्फास की डिब्बी खोल आत्महत्या करने की कोशिश की। वहां मौजूद कर्मचारियों ने हाथ में से डिब्बी छिनी और उनके मुंह पर हाथ रख दिया। झारीवाल ने कहा कि पदोन्नती के बाद उन्हें मिलने वाली वेतनमान वृद्धि पूर्व में प्राप्त हो रही थी। पिछले दो माह से उन्हें वेतनवृद्धि काट कर वेतन दिया जा रहा हैं। निगम आयुक्त, स्थापना शाखा प्रभारी और लेखापाल बालोत्रा को भी पूर्व में शिकायत कर चुके हैं।
इनका कहना
लेखाअधिकारी विजय बालोत्रा का कहना था कि स्थापना से जो बिल करेक्शन होकर आते है वह हम पारित करते हैं। स्थापना ने काटा, ऑडिट ने कुछ लिखा था। हमने करेक्शन कर वापस वेतन जोड़ दिया। वेतन आज होना था और कोई कर्मचारी नहीं हैं।