मुंबई 01 सितंबर (वार्ता) अमेरिकी फेड रिजर्व के सितंबर में ब्याज दर में कटौती शुरू करने की उम्मीद के बीच स्थानीय स्तर पर घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) का निवेश प्रवाह मजबूत रहने से बीते सप्ताह डेढ़ प्रतिशत से अधिक चढ़कर सार्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंचा बाजार अगले सप्ताह शेयरों के ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली होने की आशंका को लेकर सतर्क रहेगा।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1279.56 अंक अर्थात 1.6 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस पर 82365.77 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 412.75 अंक यानी 1.7 प्रतिशत उछलकर 25235.90 अंक के सार्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
इसी तरह समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी जमकर लिवाली हुई। इससे मिडकैप 743.44 अंक अर्थात 1.54 प्रतिशत मजबूत होकर सप्ताहांत पर 49065.36 अंक और स्मॉलकैप 339.66 अंक यानी 0.61 प्रतिशत की तेजी के साथ 56021.55 अंक पर रहा।
विश्लेषकों के अनुसार, घरेलू अर्थव्यवस्था में नए कारकों की कमी के बावजूद घरेलू निवेशकों के मजबूत निवेश प्रवाह और सितंबर की बैठक में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में कटौती की उम्मीद बढ़ने के कारण बाजार ने व्यापक स्तर पर सुधार दिखाया और नए उच्च स्तर को पार किया। बीते सप्ताह आईडी सूचकांक में चार प्रतिशत की उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ अमेरिकी 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड में स्थिरता ने अधिक खर्च की संभावना की ओर इशारा किया है, जिससे आय में सुधार की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के घरेलू बाजार की ओर सकारात्मक रुख से समग्र भावना मजबूत बनी रहेगी। साथ ही मानसून की प्रगति और जलाशयों के स्तर में वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था की संभावनाएं बेहतर होंगी और खर्च में इजाफा होगा।
वैश्विक स्तर पर अमेरिकी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तेजी और रोजगार आंकड़ों के स्थिर रहने की उम्मीद फेड द्वारा दर कटौती के गहरे चक्र की संभावना को टाल सकती है। देश में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर मध्यम स्त पर रही है। शेयरों के प्रीमियम मूल्यांकन के कारण मुनाफावसूली की आशंका में अगले सप्ताह निवेशक सतर्क रह सकते हैं और रक्षात्मक एवं मूल्य आधारित शेयरों पर नजर बनाए रख सकते हैं।