मोहम्मद यूनुस ने युवाओं से की शांत रहने की अपील

ढाका, 07 अगस्त (वार्ता) बंगलादेश में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने जा रहे नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने युवाओं से शांत रहने और निरर्थक हिंसा में शामिल न होने की अपील की है।

श्री यूनुस कल दोपहर देश में पहुंच जायेंगे। उन्होंने युवाओं से देश निर्माण के लिए तैयार रहने की अपील की है। उन्होंने दूसरे विजय दिवस को संभव बनाने के लिए छात्रों को बधाई दी।

यूनुस सेंटर द्वारा जारी एक बयान में, प्रोफेसर यूनुस ने कहा “ मैं उन बहादुर छात्रों को बधाई देता हूं जिन्होंने हमारे ‘दूसरे विजय दिवस’ को संभव बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई और लोगों को उनका पूरा समर्थन देने के लिए बधाई देता हूं। आइए हम अपनी नई जीत का सर्वोत्तम उपयोग करें। आइए हम अपनी गलतियों के कारण इसे हाथ से न जाने दें।”

उन्होंने कहा, “ मैं सभी से शांत रहने की अपील करता हूं। कृपया सभी प्रकार की हिंसा से बचें। मैं सभी छात्रों, सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों और गैर-राजनीतिक लोगों से शांत रहने की अपील करता हूं। यह हमारा खूबसूरत देश है जिसमें बहुत सारी रोमांचक संभावनाएं हैं। हमें इसे संरक्षित करना चाहिए और इसे अपने और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अद्भुत देश बनाना चाहिए।”

प्रोफेसर यूनुस ने कहा “हमारे युवा एक नई दुनिया बनाने में नेतृत्व देने के लिए तैयार हैं। हमें किसी भी तरह की बेवजह हिंसा में शामिल होकर मौका नहीं गंवाना चाहिए। हिंसा हमारी दुश्मन है। कृपया और दुश्मन न बनाएं। शांत रहें और देश के निर्माण के लिए तैयार हो जाएं।अगर हम हिंसा का रास्ता अपनाते हैं तो सब कुछ नष्ट हो जाएगा। कृपया शांत रहें।अपने आस-पास के लोगों को शांत रहने में मदद करें।”

एक सूत्र ने ‘द डेली स्टार’ को बताया कि प्रोफेसर यूनुस कल दोपहर दुबई से अमीरात की उड़ान के ज़रिए हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे।

प्रोफ़ेसर यूनुस को मुख्य सलाहकार बनाने का फ़ैसला मंगलवार को भेदभाव विरोधी आंदोलन के प्रमुख आयोजकों और राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के बीच अंतरिम सरकार के गठन पर हुई बैठक के बाद हुआ।

बैठक में तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुख भी मौजूद थे।

पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफ़े और उनके और उनकी अवामी लीग सरकार के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर विद्रोह के बाद बंगलादेश राजनीतिक अनिश्चितता का सामना कर रहा है। इसके बाद हुई भीड़ की हिंसा और दंगों में पूरे देश में कम से कम 142 लोग मारे गए।

सुश्री हसीना के इस्तीफ़े के बाद करीब तीन हफ़्ते तक हिंसा चली, जिसकी शुरुआत छात्रों द्वारा सार्वजनिक सेवा नौकरियों में कोटा प्रणाली में सुधार की मांग से हुई थी।

सोलह जुलाई से लेकर आज तक हिंसक झड़पों में 400 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं। तेईस जुलाई को सरकार ने एक परिपत्र के माध्यम से छात्रों की मांग के अनुसार कोटा प्रणाली में सुधार किया, लेकिन तब तक झड़पों में लगभग 200 लोग मारे जा चुके थे। प्रदर्शनकारियों ने तीन अगस्त को सुश्री हसीना और उनके मंत्रिमंडल के इस्तीफे की मांग की, और मौतों के लिए उनकी सरकार को जिम्मेदार ठहराया।तीन दिनों के भीतर सरकार गिरा दी गई। वर्ष 2009 में सत्ता संभालने के बाद से सुश्री हसीना लगातार चौथी बार और कुल मिलाकर पांचवीं बार पद पर थीं।

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