नयी दिल्ली, 27 अगस्त (वार्ता) दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में डॉक्टर और पैरामेडिकल कर्मचारियों की भारी कमी होने के बावजूद जानबूझकर रिक्त पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है।
श्री भारद्वाज ने आज संवाददाताओं से कहा कि जब दिल्ली में कोई बड़ा संकट आता है और हम सबूत के आधार पर यह आरोप लगाते हैं कि इस संकट के पीछे दोषी उपराज्यपाल हैं तो उनके कार्यालय से बड़ा ही अटपटा सा जवाब आता है । उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले अस्पतालों में डॉक्टर और पैरामेडिकल कर्मचारी की भारी कमी का मामला उठाया था। इस मामले में भी उपराज्यपाल कार्यालय से संतोषजनक जवाब नहीं मिला ।
श्री भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने जब से दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री का पदभार संभाला है तब से लेकर अब तक उपराज्यपाल को कई बार पत्र लिखकर इस बात से अवगत करा चुके हैं कि दिल्ली के अस्पतालों में लगभग 30 प्रतिशत डॉक्टर और विशेषज्ञ के पद खाली पड़े हैं, सैकड़ो पद पैरामेडिकल स्टाफ के खाली पड़े हैं, उन पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति की जाए। उन्होंने कहा,“ हमारे पत्रों के जवाब में भी उपराज्यपाल कार्यालय से बड़ा ही अटपटा सा जवाब आया कि हमारे पास लगभग 25-26 विशेषज्ञों की सूची आ गई है, परंतु हम इनकी तैनाती नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री उपलब्ध नहीं है और राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) की बैठक नहीं हो पा रही है।”
यहाँ अंबेडकर मेडिकल कॉलेज की एक घटना का उदाहरण देते हुए श्री भारद्वाज ने कहा कि उस मेडिकल कॉलेज में दो छात्राओं के साथ एक प्रोफेसर ने शारीरिक शोषण करने की कोशिश की और शिकायत करने के बाद उपराज्यपाल कार्यालय से कोई कार्रवाई नहीं की गई। जब मीडिया में यह मामला आया तब दोषी प्रोफेसर को हटाया गया