सिंगापुर 26 अगस्त (वार्ता) भारत और सिंगापुर ने दोनों के बीच उभरते और भविष्य के क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर जोर देते हुये सोमवार को छह स्तंभों पर विचार-विमर्श किया, जिसमें डिजिटलीकरण, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा, और उन्नत विनिर्माण और कनेक्टिविटी शामिल हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां विदेश मंत्री एस जयशंकर, केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और रेल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी एवं सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ दूसरे भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (आईएसएमआर) में भाग लिया। सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री और व्यापार एवं उद्योग मंत्री जी किंगयोग ने किया, जिसमें विदेश मंत्री विवियान बाला, गृह मंत्री और कानून मंत्री के शनमुगम, जनशक्ति मंत्री और व्यापार एवं उद्योग के दूसरे मंत्री टैन सी लेंग, परिवहन मंत्री और वित्त मंत्री ची होंग टैट और डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्री और गृह मामलों की दूसरी मंत्री सुश्री रे यल्म शामिल थीं।
दोनों देशों के मंत्रियों ने भारत और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाने की योजनाओं पर भी चर्चा की, साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग पर भी चर्चा की, जिसमें आसियान और जी20 विकास शामिल हैं। इन मंत्रियों ने कहा कि आईएसएमआर के पहले दौर की चर्चाओं के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास, डिजिटल सहयोग और सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम सहयोग पर समझौता ज्ञापनों को सफलतापूर्वक मूर्त रूप दिया गया है।