लुसाने (वार्ता) पेरिस ओलंपिक के रजत पदक विजेता भारतीय भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने डायमंड लीग में 89.49 थ्रो कर दूसरे स्थान पर रहे, उन्हें ब्रसेल्स में 14 सितंबर को होने वाले डायमंड लीग के फाइनल मुकाबले के लिए शीर्ष छह में बने रहना होगा।
स्विट्जरलैंड में लुसाने में शुक्रवार को डायमंड लीग 2024 की स्पर्धा में नीरज ने अपने अंतिम प्रयास में इस सीजन का सर्वश्रेष्ठ 89.49 मीटर का थ्रो किया। उन्होंने डायमंड लीग एथलीट प्रतियोगिता में अपने स्वयं के पेरिस ओलिंपिक में फेंके 89.45 मीटर के थ्रो के रिकार्ड को तोड़ा।
नीरज चोपड़ा जहां अभी डायमंड लीग की प्वाइंट्स टेबल में 14 अंकों के साथ चौथे नंबर पर हैं तो वहीं एंडरसन पीटर्स ने लुसाने डायमंड लीग में 90.61 मीटर का थ्रो करने के साथ पहले स्थान पर खत्म किया और फाइनल के लिए अपनी जगह को भी बना लिया है। वहीं जैकिब वैल्डिच ने 16 अंकों के साथ हैं अंक टेबल में दूसरे नंबर पर हैं और उन्होंने भी अपनी जगह को पक्का कर लिया है। नीरज के अलावा जूलियन वेबर भी 14 अंकों पर हैं और फाइनल में पहुंचने की रेस में वह भी बने हुए हैं। नीरज लुसाने डायमंड लीग में अपने पुराने फॉर्म में भी दिखाई नहीं दिए। भारतीय एथलीट का पहला थ्रो 82.10 मीटर, दूसरा 83.21 मीटर, तीसरा 83.31 मीटर, चौथा 82.34 मीटर, पांचवे थ्रो में 85.58 मीटर भाला फेंका। इसके बाद अपने आखिरी थ्रो में नीरज शानदार प्रदर्शन करते हुए 89.49 मीटर पहुंचे।
ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने 90.61 मीटर के शानदार थ्रो के साथ नया मीट रिकॉर्ड दर्ज करते हुए पहले स्थान पर रहे, जबकि जर्मनी के जूलियन वेबर 87.08 मीटर के प्रयास के साथ तीसरे स्थान पर जगह बनाई। पीटर्स शुरू से ही शांत दिखे और अपने दूसरे प्रयास में 88.49 मीटर के साथ इसे बेहतर करने से पहले 86.36 मीटर के थ्रो के साथ शानदार शुरुआत की। वेबर अपने दूसरे प्रयास में 87.08 मीटर के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच गए थे और बाकी स्पर्धा में यह उनका सर्वश्रेष्ठ रहा।
लुसाने लीग में दूसरे स्थान पर रहने के बाद, नीरज वर्तमान में ओवरऑल स्टैंडिंग में तीसरे स्थान पर हैं और सितंबर में ब्रुसेल्स में होने वाले डायमंड लीग फाइनल के लिए क्वालीफाई करने की मजबूत स्थिति में हैं। उन्होंने वर्ष 2022 में डायमंड लीग खिताब जीता था।
मुकाबले के बाद नीरज ने कहा, “शुरुआत में बेहतर महसूस नहीं हो रहा था, लेकिन मैं अपने थ्रो से खुश हूं, खासकर अपने आखिरी प्रयास में दूसरे सर्वश्रेष्ठ थ्रो से। यह मुश्किल शुरुआत थी, लेकिन वापसी सच में अच्छी थी और मैंने जो जज्बा दिखाया उसका लुत्फ भी उठाया।”
उन्होंने कहा,“ भले ही मेरी शुरुआती थ्रो 80-83 मीटर के आसपास थी, लेकिन आखिरी दो प्रयासों में मैंने कड़ी मेहनत की और मजबूत प्रदर्शन किया। इस उच्च स्तर पर प्रतिस्पर्धा करते समय, मानसिक रूप से मजबूत रहना और प्रतिस्पर्धी बने रहना बहुत ही अहम है।”