ग्वालियर । आज की बिगड़ती स्वास्थ्य सेवाओं और डॉक्टरी के पेशे में समाविष्ट हो चली धंधेबाजी के समय स्व. डॉ. कमल किशोर का व्यक्तित्व कृतित्व चिकित्सा जगत के लिए आदर्श हो सकता है। यही वजह है कि उनसे प्रेरणा ग्रहण करने के लिए स्व. डॉ. कमल किशोर स्मृति आयोजन समिति एवं आरोग्य भारती ग्वालियर के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें डॉ. कमल किशोर के नाम पर लक्ष्मीगंज चौराहा का नामकरण किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व राज्यपाल कप्तानसिंह सौलंकी ने की तथा मुख्य अतिथि आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय थे। पूर्व सांसद विवेक नारायण शेजवलकर कार्यक्रम के अतिथि थे।
डॉ. राजेश गजवानी व आरोग्य भारती के डॉ. एस.पी. बत्रा ने बताया कि डॉ. कमल किशोर ग्वालियर चंबल संभाग में सहित दूरदराज के क्षेत्रों में मरीजों के इलाज के लिये विख्यात रहें है। डॉ. कमल किशोर का नाम ग्वालियर चंबल के एक-एक गांव में बड़े श्रद्धा और अदब के साथ लिया जाता है। जानकारी के मुताबिक जब वे जीवित थे तब छोटी लाइन रेल श्योपुर से घोसीपुरा रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले बड़ी संख्या में तांगा में बैठकर डॉ. कमल किशोर के अस्पताल में आया करते थे। यहां पर इलाज के लिए आने वाले मरीजों को रूकने की पूरी व्यवस्था भी निःशुल्क मिलती थी। ऐसे गरीब मरीज प्रतिदिन बड़ी संख्या में आते थे जिनके पास फीस चुकाने के पैसे नही होते थे लेकिन डॉ. कमल किशोर ऐसे सभी मरीजों को निःशुल्क इलाज किया करते थे। डॉ. कमल अपने उदार हृदय आत्मीय व्यवहार से लोगों के दिलों राज किया करते थे। उनकी दिलों पर छाप आज भी बदस्तूर कायम है।