भाई बहन के पवित्र प्रेम का महापर्व रक्षाबंधन आज

धर्म शास्त्रों के मुताबिक, रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है । इस दिन बहनें भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनके मंगलमयी जीवन की कामना करती हैं ।

इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन भद्रा होने से आम जन में राखी बांधने के समय को लेकर संशय बना हुआ है तथा वही कुछ लोगो का ये सोचना है कि भद्रा का निवास पृथ्वी पर न होने से रक्षाबंधन का कार्य किया जा सकता है ।

इस संबंध में मैहर देवीधाम के प्रसिद्ध वास्तु एवं ज्योतिर्विद पंडित मोहनलाल द्विवेदी ने जानकारी लोकार्पित करते हुए हमारे प्रतिनिधि को बताया कि भद्रा का निवास चाहे कही भी हो रक्षाबंधन में भद्रा का त्याग करना परम आवश्यक है । इस संबंध में अनेकों शास्त्रों में स्पष्ट उल्लेख है । भद्राकाल में राखी बांधने या बंधवाने से दोनो को प्रतिकूल परिणाम प्राप्त होते है क्योंकि देवी भद्रा का स्वभाव विनाश है ।

रक्षाबंधन 2024 शुभ मुहूर्त

पंडित द्विवेदी ने बताया कि रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है. इस दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती हैं ।

दोपहर 1.25 बजे के बाद बंधेगी राखी

इस साल सावन की पूर्णिमा तिथि रविवार/सोमवार की मध्यरात्रि की सुबह 2 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और तिथि का समापन सोमवार/मंगलवार की मध्यरात्रि रात 12 बजकर 28 मिनट पर होगा । इस दिन रक्षाबंधन पर भद्रा का साया दिन 1.25 बजे तक रहेगा । भद्रा में शुभ कार्य करने से बचना चाहिए इसलिए, इस काल में राखी भी नहीं बांधनी चाहिए, इसलिए रक्षाबंधन के पवित्र पर्व को दोपहर 1.25 बजे के बाद कभी किया जाना शास्त्र सम्मत होगा ।

पं. मोहनलाल द्विवेदी
( हस्तरेखा, जन्मकुंडली एवं वास्तु विशेषज्ञ )
माँ शारदा देवीधाम
मैहर म.प्र.

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