सड़कों से गायब हुआ निर्भया वाहन, रात में युवतियां होती है परेशान

घर, सड़क स्कूल-कॉलेज व व्यावसायिक संस्थानों में असुरक्षा का माहौल
परिजनों को बताने पर छुड़वाई रहे नौकरी, बेटियों को छोड़ने जा रहे
धर्मेन्द्र चौहान
इंदौर: शहर में स्कूल, कॉलेज कोचिंग से लेकर व्यावसायिक संस्थाओं तक बेटियों में असुरक्षा की भावना इस कदर घर कर गई कि वह न तो अपने अभिभावकों को बता पा रही हैं और न ही जिम्मेदारों को. क्योंकि उन पर पाबंदियां लग जाने का डर बना रहता है. ऐसे में कोई भी बेटी निर्भया न बन जाए इसलिए कुछ अभिभावक बेटियों के बॉडी गार्ड बनकर उनके साथ आने-जाने को मजबूर हो गए है.पिछले कुछ सालों से शहर में चलने वाली निर्भया वाहनों को अचानक से बंद कर दिया गया. जिससे शहर की बेटियां अपने आप को असुरक्षित महसुस करने लगी. कुछ मनचलों के कारण बेटियों के दर्द को समझने वाली महिला सुरक्षा के लिए बनाई गई निर्भया टीम और पीसीआर वाहन को बंद कर दिया गया. जो अब स्कूल-कॉलेज, कोचिंग संस्थाओं के बाहर, बस स्टॉप और मुख्य बाजारों में दिखाई नहीं देती.

थाने पर महिला डेस्क से संपर्क करने से डर लगता है, परिवार को बताने पर पाबंदी लग जाने का डर सताता है. ऐसे में पुलिस ने महिलाओं पर होने वाली छिटाकंशी स्कूल, कॉलेज, संस्थानों और घर में हो रही वारदातों को रोकने के लिए निर्भया टीम की शुरुआत की थी. वहीं ज्यादातर सरकारी व प्रायवेट स्कूल-कॉलेजों की छात्राओं के मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण भी दिया देने शुरु कर दिया था. साथ ही महिला अपराध को रोकने के लिए पुलिस अधिकारियों की जानकारी भी सांझा की गई थी. मगर कुछ सालों से यह अभियान अचानक बंद हो गया. शहर में गस्त करने वाली निर्भया वाहन पता नहीं कहां गायब हो गए. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि निर्भया वेन व टीम के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जबकि महिला सुरक्षा को लेकर सर्जन पर लगातार काम किया जा रहा है.

बंदिशों ने तोड़ा हौंसला, बदमाशों से लगने लगा डर
रेडिसन चौराहे स्थित बिजनेस पार्क की आईटी कंपनी में कार्यरत गोयल नगर की रहने वाली युवती को देर रात करीब दो बजे के खजराना चौराहे पर बदमाशों ने घेर लिया. युवती ने स्कूटी तेजी से चला कर घर पहुंचने की कोशिश की उसे रास्ते में कहीं भी न तो पुलिस दिखा न ही निर्भया वेन. जैसे तैसे वह घर पहुंची. इसके बाद दो दिनों तक ऑफिस ही नहीं गई. घर वालों ने कारण पूछा तो रोते हुए बताया कि उसके साथ ऐसी हरकत हुई, तो पिता ने उसकी नौकरी छुड़वा कर जल्दबाजी में शादी करवा दी. इसी तरह विजय नगर क्षेत्र में दो माह पहले कोचिंग से शाम को घर आते वक्त रसोमा लेबोरेस्टरी के पास बाईक सवार दो बदमाशों ने छात्रा को रोक कर गंदी हरकत करते थे. परेशान होकर छात्रा ने यह बात अपने भाई व पिता को बताई. पिता ने कहा कोचिंग छोड़ दो मगर भाई ने कहा वह उसे रोज छोड़ने व लेने जाएगा. ऐसे ही और भी कई उदाहरण है जिसमें युवतियां परेशान हुई है.

निर्भया टीम की कोई जानकारी नहीं
निर्भया टीम की अभी कोई जानकारी नहीं है. शहर के कुछ हॉट स्पॉट चिन्हित कर सृजन अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत छात्राओं को सशक्त बनाया जा रहा है.
– एसीपी अपूर्वा किलेदार

निर्भया पीसीआर महिला थाने पर खड़ी
महिला थाने पर निर्भया पीसीआर वेन रहती है, कुछ दिनों पहले तक इसका उपयोग किया जाता था. शिकायत के लिए 1090 नंबर दिया गया है, वहीं महिला संबंधी शिकायत के लिए संबंधित थाने पर संपर्क किया जाता है.
– कौशल्या चौहान,महिला थाना प्रभारी

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