डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों की बढ़ी परेशानी

  • कोलकत्ता घटना के विरोध में एमपी में हड़ताल पर 20,000 से अधिक सरकारी और निजी डॉक्टर.

नवभारत प्रतिनिधि 

भोपाल, 16 अगस्त. कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप के बाद हत्या के विरोध में देशभर में डॉक्टरों के समर्थन में मध्य प्रदेश के एम्स समेत सरकारी और अन्य निजी अस्पतालों के लगभग 20 हजार से अधिक डॉक्टर्स शुक्रवार को काली पट्टी लगाकर हड़ताल और प्रदर्शन किए. भोपाल में एम्स, हमीदिया में तो डॉक्टरों ने गुरुवार की रात से काम बंद कर दिया है. इससे शुक्रवार को मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.

इंदौर में जूनियर डॉक्टरों ने केवल इमरजेंसी के केस देखने का निर्णय लिया है. वही जबलपुर, छिंदवाड़ा, ग्वालियर, रतलाम, रायसेन, मंदसौर, सतना, रीवा में भी हड़ताल से मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. इस बीच हड़ताल का मामला जबलपुर हाईकोर्ट में पहुंच गया है.

कोलकाता घटना के विरोध में हड़ताली डॉक्टरों ने अस्पतालों में सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. इस बीच नरसिंहपुर के याचिकाकर्ता अंशुल तिवारी ने जबलपुर हाईकोर्ट में लगाए जनहित याचिका में कहा है कि मध्यप्रदेश से कोलकाता की घटना का कोई लेना-देना नहीं है, फिर भी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. इससे मरीज और परिजन परेशान हो रहे हैं. पिछले 5 दिनों से स्वास्थ्य सेवाएं ठप है, हालांकि 90 फीसदी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं चालू है, पर सामान्य बीमारियों का इलाज नहीं हो रहा है.

तिवारी ने बताया कि हड़ताल से ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बिगडऩे लगी है. इलाज के लिए मरीजों की लाइनें लग रही हैं. पैथोलॉजी टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं. परिजन परेशान है. इस बीच शुक्रवार को हमीदिया अस्पताल में हड़ताल के बीच जूनियर डॉक्टरों ने प्ले के जरिए महिला अत्याचारों के खिलाफ मैसेज दिया. एक लेडी डॉक्टर ने अभिनय के माध्यम से कवि पुष्यमित्र उपाध्याय की कविता अब गोविंद न आएंगे.. सुनाया.

हड़ताल पर एमपी में 20 हजार से अधिक डॉक्टर्स 

राजधानी के तीनों बड़े अस्पतालों एम्स, हमीदिया और गांधी मेडिकल कॉलेज में आईएमए के सदस्य डॉक्टर काली पट्टी बांध कर कोलकत्ता की घटना के विरोध में परिसर में प्रदर्शन जारी रखा है. जूनियर डॉक्टर और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के काम बंद करने सेे मरीजों को लंबी लाइनें लगानी पड़ रही है. हमीदिया अस्पताल के 250 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर्स गुरुवार रात 12 बजे से काम बंद कर दिया है. मुख्य संयोजक शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ मध्य प्रदेश से डॉ. राकेश मालवीय ने दावा किया कि इस पूरे विरोध प्रदर्शन में प्रदेश भर से सरकारी और निजी मिलाकर 20 हजार से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं.

मेडिकल इंटर्न को ड्यूटी पर लेने की तैयारी

भोपाल में हड़ताल से निपटने गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) की डीन डॉ. कविता एन सिंह ने सभी डॉक्टर्स की छुट्टियां निरस्त कर 24 घंटे ड्यूटी पर रहने के आदेश जारी किए हैं. साथ ही मेडिकल टीचर्स को इमरजेंसी, ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर, वार्ड में तैनात करने के निर्देश सभी डिपार्टमेंट के प्रमुखों को दिए गए हैं. आदेश में जरूरत पडऩे पर मेडिकल इंटर्न को भी तैनात करने के लिए कहा गया है. सभी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर्स से इस पर अमल की रिपोर्ट भी मांगी है.

हड़ताल में शामिल ये एसोसिएशन 

यूनाइटेड डॉक्टर फेडरेशन, चिकित्सक महासंघ, प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर एसोसिएशन मध्य प्रदेश, मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन मध्य प्रदेश, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन मध्यप्रदेश, ईएसआई मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन मध्य प्रदेश, मेडिकल ऑफिसर मेडिकल एजुकेशन मध्य प्रदेश, होम डिपार्टमेंट एसोसिएशन मध्य प्रदेश शामिल है.

पूरे देश में नेशनल डॉक्टर्स प्रोटेक्ट एक्ट लागू कराने की मांग हो रही है. इस एक्ट का ड्राफ्ट बन चुका है, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय में लंबित है. अभी कुछ राज्यों में अलग-अलग डॉक्टर्स प्रोटेक्शन कानून बने हैं, जिन्हें संबंधित राज्य सरकारों ने लागू किया है. मध्यप्रदेश में डॉक्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू है. फिर भी कोलक्ता जैसी घटना ना हो, इसके लिए डॉक्टर्स सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.

– डॉ अनूप हजेला, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया (एमपी चैप्टर), भोपाल.

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