नयी दिल्ली 13 अगस्त (वार्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक अस्पताल में एक महिला रेजिडेंट डाॅक्टर के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के विरोध में देशभर के सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डाॅक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रही।
हड़ताल का आयोजन फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया रेजिडेंट डाॅक्टर एसोसिएशन ने किया है। डाॅक्टरों के संगठनाें ने केंद्र सरकार के मंत्रालयों को पत्र लिखकर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने को कहा है। डाॅक्टरों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। रेजिडेंट डाॅक्टर दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। महिला डॉक्टर की हत्या के खिलाफ देशभर के डॉक्टर हडताल पर है। हालांकि अस्पतालों में आपात सेवाओं को बहाल रखा गया है।
इस बीच कोलकाता उच्च न्यायालय ने पूरे मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से कराने की आदेश दिये हैं। कोलकाता के संबंधित अस्पताल के प्रमुख ने त्यागपत्र दे दिया है। चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर महासंघ ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है और मृतक डॉक्टर के लिए शीघ्र न्याय और देश भर में सभी स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों के लिए सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने की मांग की हैं। अख़िल भारतीय महिला कांग्रेस ने डॉक्टरों की शांतिपूर्ण हड़ताल और माँगों का पूरी तरह से समर्थन किया है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर देशभर के अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने की सिफारिश की है। इसके अलावा डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की है।
दिल्ली में लगातार दूसरे दिन भी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, सफदरजंग, राम मनोहर लाेहिया लोकनायक जयप्रकाश और जीबी पंत सहित सभी बड़े अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहे। इस कारण से ओपीडी और नियमित सर्जरी प्रभावित रही। रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के मद्देनजर अस्पतालों ने ओपीडी सेवा को सीमित कर दिया। ओपीडी में पुराने मरीज भी ज्यादा देखे जा रहे हैं। एम्स में पहले से समय ले चुके रोगी प्रमुखता से देखे गये।
रेजिडेंट या जूनियर डाॅक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को देखते हुए देश के सभी सरकारी अस्पतालों ने व्यापक प्रबंध किये हैं जिससे आपातकालीन सेवायें बाधित नहीं हो। सभी वरिष्ठ डाॅक्टरों के अवकाश और दौरे रद्द कर दिये गये हैं और उन्हें संबंधित अस्पतालों के विभागों में पहुंचने को कहा गया है। सफदरजंग अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर, जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर, विशेषज्ञ काम करेंगे। शिक्षकों को भी काम करने के लिए कहा गया है।