नवभारत न्यूज
खंडवा। दिल्ली की कंजस्टड गली मोहल्लों में कोचिंग संस्थानों की पोल खुलने के बाद खंडवा तक इसकी धमक पहुंचीं। यहां आते-आते चेकिंग अभियान स्वार्थ की भेंट चढ़ गया। छोटी संस्थानों पर कार्रवाई कर बड़ी जगहों को बख्श दिया गया।
शहर में सौ से ज्यादा बड़ी जगहों पर नियमों के विपरीत संस्थाएं चल रही हैं। बच्चों का भविष्य बनाने के बजाए,संस्थाओं के संचालक पैसा बना रहे हैं। बच्चों की जान जोखिम में है। सौ से ज्यादा इन बड़ी संस्थाओं पर प्रशासन की छापामार टीमें क्यों मेहरबान रहीं।
7 कोचिंग संस्थानों को पिछले दिनों खंडवा में सील कर दिया गया था। एक सप्ताह के भीतर अनियमितताओं को सुधारने के निर्देश दिए गए थे। बेसमेंट या घरों में चल रही हैं। संकरी गलियों में सख्ती के बावजूद कोचिंग सेंटर बंद नहीं हुए।
बाकी सौ संस्थाएं बख्शीं?
गत दिवस अपर कलेक्टर अरविंद चौहान एवं उपायुक्त एस आर सिटोले के नेतृत्व में कोचिंग संस्थानों का औचक निरीक्षण किया गया था। जिसमे 7 कोचिंग संस्थान जिन्हे पहले ही समझाइश दी गई थी उनमें विद्युत सुरक्षा एवं फायर सेफ्टी की अनियमितताएं सामने आईं थी। इन संस्थाओं में तिरोले अकादमी,टारगेट अकादमी,ग्रो हब,स्कॉलर्स इंस्टीट्यूट,विश्वामित्र इंस्टीट्यूट, पैरामाउंट एकेडमी और पेसमेकर्स एकेडमी शामिल हैं। बाकी बड़ी संस्थाओं पर सख्ती कौन बरतेगा?