नयी दिल्ली 09 अगस्त (वार्ता) केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ का अपमान करने के लिए विपक्ष को माफी मांगनी चाहिए।
श्री चौहान ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि ये सदन केवल ईंट और गारे का भवन नहीं है बल्कि ये लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है। उन्होंने कहा कि ये सिद्ध हो गया है कि गैर जिम्मेदार विपक्ष देश को अराजकता में झोंकने का प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा, “हम लोग उत्तर के लिए आते हैं। तो केवल प्रश्नकर्ता का जवाब नहीं देते हैं, हम जवाब जनता के लिए भी देते हैं, लेकिन आज प्रश्नकाल में जो व्यवहार किया है, सचमुच में इसका कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता।”
श्री चौहान ने कहा कि इसके लिए विपक्ष को माफी माँगनी चाहिए। विपक्ष ने सारे सदन और देश को शर्मसार किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैं, छह बार लोकसभा और छह बार विधानसभा का सदस्य रहा हूँ। मैं या तो विधानसभा में या तो लोकसभा में आया हूँ, लेकिन अपने जीवन में मैंने विपक्ष का ऐसा अमर्यादित, अशोभनीय व्यवहार कभी नहीं देखा है।
आज मन व्यथित है, वेदना से भरा हुआ है। ये केवल आसंदी का अपमान नहीं है, ये देश के लोकतान्त्रिक मूल्यों का अपमान है। ये लोकतंत्र का अपमान है, ये संविधान का अपमान है।”