रिटायर्ड बैंक अधिकारी से ठगे 39 लाख
फोन काल कर किया था डिजिटल अरेस्ट
मनी लॉड्रिंग केस में उलझाने का बोल की ठगी
फर्जी ईडी अधिकारी बनकर दिया घटना को अंजाम
नवभारत न्यूज़
इंदौर. लसूड़िया थाना क्षेत्र के सन सिटी में रहने वाले रिटायर्ड बैंक अधिकारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने का बोलकर बदमाशों ने डिजिटल अरेस्ट कर 39 लाख की धोखाधड़ी की. बदमाशों ने फर्जी ईडी अधिकारी बनकर घटना को अंजाम दिया था. पुलिस ने फरियादी की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उनकी तलाश शुरु की.
जानकारी के अनुसार महालक्ष्मीनगर के 284 सन सिटी एमआर 2 में रहने वाले 72 वर्षीय राकेश पिता स्व. कृपाशंकर गोयल ने पुलिस को बताया कि वह बैंक से रिटायर्ड हैं. रविवार 11 जुलाई को करीब 10 बजे मेरे मोबाइल पर फोन आया. उन्होंने मुझे कहा कि मैं अंधेरी थाने से बोल रहा हूँ . आपके विरुध्द गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. यह वारण्ट मनी लाड्रींग केस में है. ये फोन ईडी ऑफिस में ट्रांसफर कर रहा हूँ. उस व्यक्ति ने मुझे ईडी अधिकारी से फोन पर बात कराई. उन्होंने मुझे कहा कि आपके आईडी से बैंक एकाउण्ट खुला है जिसमें 8 करोड़ 20 लाख की मनी लांड्रिंग हुई है. फिर उन्होंने मेरे से स्काईप ऐप डाऊन लोड कराया औऱ मुंबई पुलिस के नाम से लॉगिन कराया. स्काईप पर उन्होंने बाम्बे पुलिस की प्रेस कान्फ्रेस दिखाई. उसमे दो व्यक्तियों को गिरफ्तार बताया था. फिर एक व्यक्ति को दर्शाकर बोला कि उसके घऱ की तलाशी में बैंक पास बुक मिली है जो आपके नाम से है. यह आपकी आईडी से खोला गया है. इस तरह अपनी बातो में लगाकर आरोपियो ने मुझे गिरफ्तारी वारंट का बोलकर मेरे साथ 39 लाख 60 हजार की ठगी धोखाधङी कर दी. पुलिस ने फरियादी की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उनकी तलाश शुरु की.
सर्टिफिकेट भेजने पर हुआ शक
उन्होंने बताया कि अगले दिन रात को बदमाशों ने दूसरे नंबर से कॉल किया और पूछा इस बारे में किसी को बताया तो नहीं. मेरे मना करने पर उन्होंने जमा किए गए पैसे का एक सर्टिफिकेट भेजा. इसमें शासकीय चिन्ह अंकित था. इस सर्टिफिकेट पर शक हुआ तो उसे अपने डीएसपी दोस्त को भेजा. तब उन्होंने बताया कि मेरे साथ फ्रॉड हुआ है. इसके बाद मैंने क्राइम ब्रांच से शिकायत दर्ज कराई.