बंगलादेश प्रो. यूनुस के नेतृत्व में गुरुवार को शपथ लेगी अंतरिम सरकार

ढाका, 07 अगस्त (वार्ता) राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहे बंगलादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में गुरुवार को अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा।

बंगलादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने बुधवार को अपराह्न में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अंतरिम सरकार कल रात आठ बजे शपथ लेगी। उन्होंने कहा कि सलाहकार परिषद में 15 सदस्य होने की संभावना है।

डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार जनरल जमान ने कहा कि सशस्त्र बल अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रो. यूनुस को पूरा समर्थन देंगे। उन्होंने कहा, “हम कल (गुरुवार) शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसे अपराह्न में आयोजित करने का प्रस्ताव था, लेकिन प्रो. यूनुस के अपराह्न 2:10 बजे देश में आने की उम्मीद है। उसके बाद समारोह की व्यवस्था करना मुश्किल होगा। इसलिए, हम इसे रात आठ बजे के आसपास आयोजित कर सकते हैं।”

सेना प्रमुख ने उम्मीद जताई कि तीन-चार दिनों में देश में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में स्थिति में काफी सुधार हो रहा है। पिछले कुछ दिनों में किए गए अपराधों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वायु सेना और नौसेना प्रमुख उनके साथ हैं और वे मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रो. यूनुस से बात की है। सेना प्रमुख ने कहा, “मुझे उनसे बात करके बहुत अच्छा लगा। मुझे लगा कि वह इस काम को करने के लिए बहुत उत्सुक हैं। मुझे यकीन है कि वह हमें लोकतांत्रिक प्रक्रिया की ओर ले जाने में सफल होंगे और इससे हमें फायदा होगा।”

उल्लेखनीय है कि बंगलादेश में पांच अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश से पलायन करने बाद से यहां अनिश्चितता का माहौल है। इसके बाद हुई हिंसा और दंगों में देश भर में कम से कम 142 लोग मारे गए हैं। उनके इस्तीफे की मांग को लेकर करीब तीन सप्ताह तक हिंसा चली, जिसकी जड़ विद्यार्थियों द्वारा सार्वजनिक सेवा की नौकरियों में कोटा (आरक्षण) प्रणाली में सुधार की मांग से जुड़ी थी। गत 16 जुलाई से लेकर आज तक हिंसक झड़पों में 400 से अधिक लोग मारे गए हैं। वहीं, 23 जुलाई को सरकार ने एक परिपत्र के माध्यम से विद्यार्थियों की मांग के अनुसार कोटा प्रणाली में सुधार किया, लेकिन तब तक झड़पों में करीब 200 लोग मारे जा चुके थे। प्रदर्शनकारियों ने तीन अगस्त को सुश्री हसीना और उनके मंत्रिमंडल के इस्तीफे की मांग की और मौतों के लिए उनकी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद सरकार तीन दिनों के भीतर ही गिर गई। वर्ष 2009 में सत्ता संभालने के बाद से सुश्री हसीना लगातार चौथी बार और कुल मिलाकर पांचवीं बार देश की प्रधानमंत्री थीं।

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