नयी दिल्ली, 06 अगस्त (वार्ता) बंगलादेश में सोमवार को शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद वहां हिन्दुओं और उनके धार्मिक स्थलों पर हो रहे हमले को लेकर भारत के धर्मगुरुओं ने चिंता व्यक्त की है और पड़ोसी देश के हिन्दू समाज की रक्षा सुनिश्चित किये जाने का आग्रह किया है।
हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद देश की बागडोर सेना के हाथ में है। धर्मगुरुओं ने हिन्दुओं, उनके प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर हमलों को चिंता जताते हुये वहां की सेना से अनुरोध किया कि हिन्दू जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाये।
विश्व हिंदू परिषद(विहिप) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने विश्व समुदाय से बंगलादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा तथा मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने की अपील की है।
श्री कुमार ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा पड़ोसी मुल्क बंगलादेश इस समय अनिश्चितता, हिंसा और अराजकता में फंसा हुआ है। हसीना सरकार के त्यागपत्र और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीन के देश छोड़ने के बाद अन्तरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है। संकट की इस घड़ी मे भारत बंगलादेश के समस्त समाज के साथ एक मित्र के नाते मजबूती से खड़ा है।”
उन्होंने कहा कि बंगलादेश में पिछले कुछ समय में हिन्दू, सिख तथा अन्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि कल रात तक अकेले पंचगढ़ जिले में 22 घर, झीनैदाह में 20 घर तथा जैसोर में 22 दुकानों को कट्टरपंथियों ने निशाना बनाया। कट्टरपंथियों ने कई जिलों में तो श्मशान तक तोड़ दिए गए। मंदिर और गुरुद्वारों को भी क्षति पहुंचाई गयी है।बंगलादेश में शायद ही कोई जिला बचा हो, जो इनकी हिंसा तथा आतंक से बचा हो। उन्होंने कहा कि बंगलादेश में हिंदुओं की आबादी कभी 32 प्रतिशत थी, लेकिन अब 08 फीसदी से भी कम हैं वे भी लगातार जिहादी उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं।
योग गुरु स्वामी बाबा रामदेव ने हिन्दुओं और उनके धार्मिक स्थलों पर हमले को लेकर चिंता जताते हुए कहा,“ बंगलादेश में हमारे हिंदू भाइयों पर किसी भी प्रकार की कोई क्रूरता, अत्याचार, जुल्म, ज़्यादती न हो। पड़ासी देश में हमारे हिंदू भाई जो वहां व्यापार कर रहे हैं या जो हमारे वहां पर हिंदू मंदिर हैं या हमारे भारतीय नागरिक वहां रह रहे हैं उनके साथ किसी प्रकार की कोई नाइंसाफी न हो इसके लिए पूरे देश को एकजुट रहना होगा और पहली बार मुझे यह देख करके प्रसन्नता हुई कि पूरा विपक्ष सरकार के साथ है और यही भारत की नीति होनी चाहिए नहीं तो जिस तरह से पुरी दुनिया में इस्लामिक कट्टरवाद बढ़ रहा है और वह भारत के पड़ोस में जिस तरह से उसने दस्तक दे दी है वह देश के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है। हमारी इसी तरह की एकजुटता आगे भी लेनी चाहिए।”
ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बंगलादेश में कल तख्तापलट के बाद हिन्दुओं, उनके प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर हमलों को चिंता जताते हुये वहां की सेना से अनुरोध किया कि हिन्दू जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाये।
शंकराचार्य ने कहा, “हमें बंगलादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बारे में सूचित किया गया है। देश सेना शासन के अधीन है। हम उम्मीद करते हैं कि सेना नागरिकों की सुरक्षा का अपना कर्तव्य अवश्य निभायेगी। बंगलादेश में लगभग 10 प्रतिशत हिन्दू रहते हैं। उनकी सुरक्षा की जरूरत है, इसलिये हम सेना से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करना चाहेंगे।”
गौरतलब है कि बंगलादेश में पिछले कुछ दिनों से जारी भारी तनाव और प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को देश छोड़कर भारत में शरण ली। सुश्री हसीना के अपनी छोटी बहन शेख रेहाना के साथ देश छोड़ने के बाद हजारों प्रदर्शनकारियों ने उनके सरकारी आवास गणभवन पर धावा बोल दिया।