नयी दिल्ली 05 अगस्त (वार्ता) देश में इस वर्ष जुलाई में वाहनों की खुदरा बिक्री इसके पिछले साल के इसी महीने के 17,86,779 के मुकाबले 13.84 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 20,34,116 इकाई पर पहुंच गई।
ऑटोमोबाइल डीलरों के संगठन फाडा ने सोमवार को जारी मासिक रिपोर्ट में बताया कि जुलाई 2024 में खुदरा बाजार में कुल 20,34,116 वाहन बेचे गए, जो जुलाई 2023 में 17,86,779 वाहनों की तुलना में 13.84 प्रतिशत अधिक है। हालांकि इस वर्ष जून में 18,95,552 वाहनों की बिक्री के मुक़ाबले जुलाई में महज 7.31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष जुलाई में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री इसके पिछले वर्ष की समान अवधि के 2,90,564 के मुकाबले 10.18 प्रतिशत बढ़कर 3,20,129 इकाई पर पहुंच गई। इसी तरह दुपहिया वाहनों की बिक्री में 17.17 प्रतिशत का इजाफा हुआ और यह 12,31,930 से बढ़कर 14,43,463 इकाई हो गई। इस दौरान तिपहिया वाहनों की बिक्री 97,891 से 17.17 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 1,10,497 इकाई पर पहुंच गई।
आलोच्य अवधि में व्यावसायिक वाहनों (सीवी) की खुदरा बिक्री में 5.93 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 75,573 से बढ़कर 80,057 इकाई हो गई। इसी तरह हल्के व्यावसायिक वाहनों (एलसीवी) की बिक्री 44,428 के मुकाबले 2.04 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 45,336, मध्यम व्यावसायिक वाहनों (एमसीवी) 6,509 से 9.45 प्रतिशत बढ़कर 7,124
और भारी व्यावसायिक वाहनों (एचसीवी) की बिक्री 21,525 से 11.80 प्रतिशत की बढ़ोतरी लेकर 24,066 इकाई हो गई।
इस दौरान सवारी ई-रिक्शा की बिक्री 43,529 से महज 2.11 प्रतिशत बढ़कर 44,447 हो गई वहीं मालवाहक ई-रिक्शा की बिक्री में 86.68 प्रतिशत का ज़बरदस्त इजाफा हुआ और यह 2,778 से बढ़कर 5,186 इकाई पर पहुंच गई। इसी तरह मालवाहक तिपहिया वाहनों की बिक्री 9,642 के मुकाबले 5.65 प्रतिशत की बढ़त लेकर 10,187, सवारी तिपहिया वाहनों की 41,867 की तुलना में 20.84 प्रतिशत बढ़कर 50,594 और निजी इस्तेमाल वाले तिपहिया वाहनों की बिक्री 75 से 10.67 प्रतिशत बढ़कर 83 इकाई हो गई।
वहीं, आलोच्य अवधि में देशभर में मॉनसून के असमान वितरण के कारण ट्रैक्टर की बिक्री में 11.95 प्रतिशत की कमी आई और यह 90,821 से घटकर 79,970 इकाई रह गई। हालांकि अन्य वाहनों की बिक्री 3,111 से 13.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 3,531 इकाई पर पहुंच गई।
फाडा ने बताया कि जुलाई 2024 में देश भर में वाहनों से 6,995 करोड़ रुपये पथ कर (रोड टैक्स) का संग्रह किया गया है, जो जुलाई 2023 में संग्रहित 6046 करोड़ रुपये के मुकाबले 15.7 प्रतिशत अधिक है। वहीं, जून 2024 में पथकर से 6046 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ था।
फाडा के उपाध्यक्ष सी. एस. विग्नेश्वर ने जुलाई 2024 के ऑटो रिटेल प्रदर्शन पर कहा, “जून में कम बारिश होने के बाद देश में मॉनसून में तेजी आई, जिससे जुलाई में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। हालांकि जुलाई में मॉनसून का भौगोलिक वितरण असमान रहा, जिससे दक्षिणी और मध्य भारत में अधिक बारिश हुई वहीं 10 मौसम संबंधी प्रभागों में बारिश में दहाई अंक की कमी देखी गई। पिछले साल से खरीफ की बुवाई में 2.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन ये आंकड़े पिछले साल एल नीनो व्यवधानों से खराब बुवाई गतिविधि के कारण कुछ हद तक भ्रामक हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, जुलाई 2023 की तुलना में इस बार बोए गए क्षेत्र में वास्तव में 2.4 प्रतिशत की कमी आई है।”
इन चुनौतियों के बावजूद ऑटोमोबाइल रिटेल क्षेत्र में सालाना आधार पर 13.84 प्रतिशत की वृद्धि हुई। दुपहिया वाहनों की बिक्री में 17 प्रतिशत, तिपहिया वाहनों में 13 प्रतिशत, यात्री वाहनों में 10 प्रतिशत और व्यावसायिक वाहनों में छह प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि, ट्रैक्टरों का प्रदर्शन कमजोर रहा और सालाना आधार पर इसमें 12 प्रतिशत की गिरावट आई।
विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी, मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय को बढ़ाने वाले सरकारी सहायता कार्यक्रमों के कारण दुपहिया वाहन सेगमेंट में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों की शुरूआत और बेहतर स्टॉक उपलब्धता ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। छूट और ईवीएमपीएस योजना की समय-सीमा के कारण इस सेगमेंट में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में भी वृद्धि देखी गई।
नए मॉडलों की लांचिंग और आकर्षक कीमत रणनीतियों के कारण यात्री वाहनों की बिक्री में 14 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि देखी गई। डीलरों ने अच्छी उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की व्यापक रेंज से लाभ की सूचना दी। लेकिन, भारी बारिश, कमजोर उपभोक्ता भावना और तीव्र प्रतिस्पर्धा ने चुनौतियां पेश कीं। कुछ डीलर मजबूत प्रचार और जबरदस्त छूट के माध्यम से बिक्री की रफ्तार को बनाए रखने में कामयाब रहे। हालांकि, इस वृद्धि के साथ एक महत्वपूर्ण चिंता भी जुड़ी हुई है। इन्वेंट्री का स्तर 67-72 दिनों के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है। यह डीलर की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता है। फाडा ने यात्री वाहन ओईएम से इन उच्च इन्वेंट्री स्तरों के कारण डीलरों की संभावित विफलताओं के बारे में सतर्क रहने का आग्रह किया है। साथ ही रिजर्व बैंक के लिए भी महत्वपूर्ण है कि वह वित्तीय संस्थानों को इन्वेंट्री फंडिंग जारी करने से पहले सख्त जांच लागू करने के लिए बाध्य करे।
फाडा के उपाध्यक्ष ने कहा कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य का परिदृश्य उम्मीद और सतर्कता का मिश्रण दर्शाता है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वृद्धि, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरूआत से दुपहिया वाहन की बिक्री में तेजी आने की उम्मीद है। साथ ही शुरू होने वाले त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों से भी वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, भारी बारिश, चल रही कृषि गतिविधियां और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं।
निकट भविष्य में यात्री वाहनों की बिक्री में मिलेजुले परिणाम देखने को मिल सकते हैं। त्योहारी सीजन, आकर्षक योजनाओं और अच्छे मानसून से बिक्री में वृद्धि की उम्मीद है लेकिन कमजोर उपभोक्ता भावना, भारी वर्षा और नए उत्पाद लॉन्च की कमी को लेकर चिंता बनी हुई है। इन्वेंट्री का उच्चतम स्तर जोखिम पैदा करते हैं। साथ ही डीलरों पर वित्तीय दबाव को रोकने के लिए यात्री वाहन ओईएम के लिए स्टॉक में और वृद्धि से बचना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि देश का खुदरा ऑटो बाजार निकट भविष्य के लिए सतर्कता के साथ आशावादी है, जो सकारात्मक मानसून प्रभाव, त्योहारी सीजन और कुछ उत्पाद लॉन्च से प्रेरित है। फिर भी, भारी बारिश, यात्री वाहन सेगमेंट में उच्च इन्वेंट्री स्तर और आर्थिक अनिश्चितता जैसी चुनौतियों के कारण सावधानी बरतनी चाहिए। विकास को बनाए रखने और वित्तीय जोखिमों को कम करने के लिए प्रभावी इन्वेंट्री प्रबंधन और सख्त वित्तीय जांच आवश्यक हैं।