नवभारत न्यूज
रीवा, 2 अगस्त, रीवा नगर निगम में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चल रही तकरार कम होने का नाम नही ले रही है. पूर्व की तरह एक बार फिर विशेष सम्मिलन का महापौर एवं एमआईसी सदस्यो ने बहिष्कार करते हुए शामिल नही हुए. जबकि विपक्ष ने दो प्रस्तावो पर चर्चा के बाद सर्व सम्मति से दोनो प्रस्ताव पास कर दिये.
नगर निगम का 12 वां विशेष सम्मिलन अध्यक्ष व्यंकटेश पाण्डेय की अध्यक्षता में शुक्रवार को बुलाया गया. जहा दो प्रस्तावो पर चर्चा होनी थी. लेकिन महापौर अजय मिश्रा, एमआईसी सदस्य एवं कांग्रेस का कोई भी पार्षद परिषद में नही पहुंचा. अध्यक्ष ने कार्यवाही शुरू की और प्रस्तावो पर चर्चा की गई. शहर की 8 सडक़ो के उन्नयन व निर्माण कार्य की निविदाओ की स्वीकृति प्रदान की गई. इसके साथ ही प्रस्ताव क्रमांक 2 रतहरा तालाब के संरक्षण एवं प्रबंधन कार्य के उच्चतम निविदा का अनुमोदन उपस्थित पार्षदो ने सर्वसम्मति से किया. इस तरह से दोनो प्रस्ताव सर्व सम्मति से पास किये गये. विशेष सम्मिलन को लेकर एमआईसी के सदस्यों ने विरोध करते हुए नियम विरूद्ध बताया था और संभागायुक्त व निगम आयुक्त को पत्र भी लिखा था. लेकिन परिषद की बैठक में सत्ता पक्ष के पार्षद नही पहुंचे. विशेष सम्मिलन के दौरान एजेंडे से हटकर कुछ विषय पार्षदो ने रखते हुए अपने सुझाव भी दिये. पार्षद नम्रता सिंह ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाया. बैठक में पार्षद दीनानाथ वर्मा, सांसद प्रतिनिधि रमाशंकर गुप्ता, विधायक प्रतिनिधि विवेक दुबे, श्रीमती शिवराज डॉ. सी.एल. रावत आदि मौजूद रहे.
सवाल उठाने वाले सदस्य को परिषद में आकर अपनी बात स्पष्ट करनी चाहिये थी: अध्यक्ष
नगर निगम परिषद अध्यक्ष व्यंकटेश पाण्डेय ने बताया कि विशेष सम्मिलन दो प्रस्तावो को लेकर बुलाया गया था और दोनो प्रस्ताव सर्व सम्मति से पास किये गये. कुछ पार्षदो ने कहा कि हमारी कुछ बाते है जो एजेंडे में नही ली गई है और न ही कार्यवाही रजिस्टर में अंकित की गई है. उनके भी कुछ सुझाव आये है जिसे कमिश्नर ने अंगीकार किया है और उस पर भी निर्णय लेगे. सम्मिलन के अवैधानिक होने का अगर एमआईसी सदस्य सवाल उठा रहे और आपत्ति जताई है तो उन्हे स्वयं परिषद में आकर अपनी बात रखनी चाहिये और स्पष्ट करना चाहिये. अध्यक्ष ने कहा कि मेरे पास शासन का या हाईकोर्ट का कोई ऐसा निर्देश नही आया है कि इन बिंदुओ पर परिषद चर्चा नही करेगी. उन्होने बताया कि हाईकोर्ट ये गये थे लेकिन पहली बार में ही इसे डिस्पोज कर दिया गया था.