टाइम कोचिंग इंस्टिट्यूट की बेसमेंट सील

नवभारत प्रतिनिधि

भोपाल, 2 अगस्त. दिल्ली में बेसमेंट की घटना के बाद भोपाल में कोचिंग इंस्टिट्यूट पर कार्रवाई चल रही है. गुरुवार को भी प्रशासन ने एमपी नगर जोन-2 के टाइम कोचिंग इंस्टिट्यूट के बेसमेंट को सील कर दिया. एसडीएम आशुतोष शर्मा के नेतृत्व में पुलिस और नगर निगम का फायर अमला जोन 2 पहुंचा और कोचिंग इंस्टिट्यूटों की जांच- पड़ताल शुरू कर दी. इससे पहले कोचिंग संस्थानों में मॉकड्रिल की गई.

एसडीएम शर्मा ने बताया कि इस मॉक ड्रिल में नगर निगम भोपाल, फायर विभाग, एसीपी ट्रैफिक, टीआई एमपी नगर और तहसीलदार एमपी नगर की टीमें शामिल हुई. साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए भ्रमण किया.

इस ड्रिल में आग लगने जैसी नकली आपातकालीन स्थिति बनाई गई. इसी दौरान टाइम कोचिंग इंस्टिट्यूट की बेसमेंट में स्थित लायब्रेरी को भी सील किया गया.

 

सिंगल कॉलम फोटो – एनपीएस

अब सरकारी कर्मचारी भी कर सकते फंड मैनेजर का चुनाव

– एनपीएस के तहत कम पेशंन मिलने की शिकायतों को देखते सीएम मोहन सरकार की नई पहल.

नवभारत न्यूज

भोपाल, 1 अगस्त. नेशनल पेंशन सिस्टम एनपीएस के तहत रिटायरमेंट के बाद कम पेंशन मिलने की सरकारी कर्मचारियों की शिकायतों को देखते हुए मोहन सरकार ने एक नई पहल की है. अब राज्य सरकार ने प्रदेश के 4.5 लाख एनपीएस कर्मचारियों को फंड मैनेजर का चुनाव करने की सुविधा दे दी है. इससे कर्मचारी अब अपने अनुसार फंड मैनेजर का चयन कर सकेंगे और अपने पेंशन योगदान को प्रभावी तरीके से निवेश कर पाएंगे, जिससे रिटायरमेंट के बाद उन्हें अधिक राशि प्राप्त हो सकेगी.

राज्य के वित्त विभाग के मुताबिक राज्य सरकार ने एनपीएस कर्मचारियों के लिए योजना का विस्तार करते हुए निवेश पद्धति और पेंशन फंड मैनेजर के चयन का विकल्प प्रदान करने का निर्णय लिया है. इस व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) में रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजरों में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलेगा. कर्मचारियों को एक वर्ष में केवल एक फंड मैनेजर का चयन करने की अनुमति होगी और उसमें निवेश के विभिन्न विकल्प उपलब्ध रहेंगे.

ये रहेगा विकल्प

एनपीएस से जुड़े सूत्रों के अनुसार इसमें फंड मैनेजर को कंसरवेटिव लाइफ साइकिल और मॉडरेट लाइफ साइकिल में निवेश करने का विकल्प मिलेगा. कंसरवेटिव लाइफ साइकिल में इक्विटी में निवेश की अधिकतम सीमा 25 प्रतिशत होगी, जबकि मॉडरेट लाइफ साइकिल में सीमा 50 प्रतिशत तक हो सकती है. सरकारी प्रतिभूतियों में पूरी तरह से निवेश करने का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा, जिससे न्यूनतम जोखिम के साथ निर्धारित रिटर्न प्राप्त किया जा सकेगा.

बॉक्स – एनपीएस से कर्मियों को लाभ, पर ओल्ड पेशंन भी दे – तिवारी

फोटो – हॉफ कॉलम

मप्र राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष उमाशंकर तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2019 में फंड मैनेजर चुनने की सुविधा प्रदान की थी, लेकिन मध्यप्रदेश में इसे अब लागू किया जा रहा है. इससे पहले कर्मचारियों की पेंशन अंशदान को केवल एसबीआई, यूटीआई और एलआईसी में ही निवेश किया जाता था. वर्तमान में एनपीएस के लगभग 4.5 लाख कर्मचारी हैं. इसमें कर्मचारियों की 10 प्रतिशत और राज्य सरकार की 14 प्रतिशत राशि का योगदान होता है, जिसे शेयर बाजार में निवेश किया जाता है. अब, एसबीआई, यूटीआई और एलआईसी के अलावा अन्य कंपनियों में निवेश की सुविधा मिलने से कर्मचारियों को अधिक लाभ प्राप्त होगा. तिवारी ने कहा कि एनपीएस में कुछ भी लाभ देने का कोई मतलब नहीं है. कर्मियों को पुरानी पेंशन देना चाहिए. चूंकि निवेश जोखिम भरा होता है, क्योंकि जो पैसा शेयर बाजार में लगाया जाता है. उसमें उतार चढ़ाव होगा. उस हिसाब से कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद लाभ या हानि मिल सकती है. इसमें कर्मचारियों की उतनी सुरक्षा नहीं है, जो की पुरानी पेंशन बहाली होने से हो सकती है. मध्य प्रदेश सरकार को पुरानी पेंशन लागू करने की तरफ बढऩा चाहिए.

——-

Next Post

होटल के कमरे में युवक ने फांसी लगाकर की खुदकुशी

Fri Aug 2 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email कमरे की तलाशी में नहीं मिला सुसाइड नोट भोपाल, 2 अगस्त. मंगलवारा स्थित एक होटल में ठहरे युवक ने कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. वह एक दिन पहले ही बीना से भोपाल आया था. गुरुवार […]

You May Like

मनोरंजन