भोपाल, 01 अगस्त (वार्ता) मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान की समेकित वेबसाइट संस्कृत की प्राचीन पुस्तकें उपलब्ध है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस वेबसाइट में शासकीय जीवाजी वैधशाला उज्जैन एवं शासकीय योग प्रशिक्षण केन्द्र भोपाल की जानकारी का भी समावेश किया गया है। वेबसाइट पर करीब 540 प्राचीन संस्कृत पुस्तकें पब्लिक डोमेन पर डाली गई हैं। इसके साथ ही संस्थान की परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को मार्गदर्शन के लिये ब्लू प्रिन्ट, प्रश्न बैंक और आदर्श उत्तर पाठय सामग्री सहित संस्कृत संस्थान की नवीन पाठयक्रम को भी प्रदर्शित किया गया है। संस्कृत भाषा में एलकेजी (अरूण), यूकेजी (उदय) कक्षाओं के लिये प्रथम भाग एवं द्वितीय भाग तथा कक्षा एक की पाठयपुस्तकें एवं कक्षा 3 कक्षा 10 के लिये प्रायोगिक खगोल विज्ञान की भाग-1, भाग-2 और भाग-3 की पाठयपुस्तकें भी प्रदर्शित की गई हैं। इसी के साथ नवीन पाठयक्रम अनुसार गुजरात राज्य शाला पाठयपुस्तक मंडलम से प्राप्त कक्षा 9वीं से 12 तक की प्राच्य संस्कृत विषयों की 22 पाठयपुस्तकें स्केन कर अपलोड की गई हैं।
महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान भोपाल के तुलसी नगर के नवीन भवन का निर्माण कार्य 10 करोड़ 25 लाख रूपये की लागत से पूरा किया जा चुका है। संस्थान के आधुनिक ऑडोटिरियम में 150 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। योग संस्थान में प्रशिक्षण लेने वाले प्रशिक्षणार्थिों के आवासीय सुविधा के लिये लोक निर्माण विभाग के पीआईयू भोपाल के माध्यम से जी प्लस-4 भवन निर्माण की डीपीआर प्राप्त की जा चुकी है। महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित हो रहा है।
महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान द्वारा प्रदेश के दतिया और डिण्डोरी में आवासीय संस्कृत विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। संस्थान द्वारा नवीन संस्कृत विद्यालय प्रारंभ किये जाने के संबंध में सीहोर एवं हरदा में विद्यालय के लिये 5 एकड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है। राजगढ़ जिले के सारंगपुर में भैसवामाता में आवासीय संस्कृत वैदिक माध्यमिक पाठशाला पिछले साल से प्रारंभ की गई है। विदिशा जिले के सिरोंज में शासकीय र्मॉडल स्कूल के परिसर में आवासीय संस्कृत विद्यालय सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है।