जिले से जनपद तक अधिकारी बने अंजान, रोजगार सहायक का कारनामा, शिकायतों के बाद भी कार्रवाई ठण्डे बस्ते में
सिंगरौली : जिले के जनपद पंचायत क्षेत्र चितरंगी के धवई स्थित ग्राम पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक ने एक गोदाम को भी प्रधानमंत्री आवास बना दिया। जिसकी शिकायत जनपद एवं जिला पंचायत में ग्रामीणों के द्वारा कई बार की गई। फिर भी जांच कार्रवाई मंथर गति से चलने के कारण ग्रामीणजनों में जनपद एवं जिला पंचायत से विश्वास उठता जा रहा है। वही जीआरएस ने अतिथि शिक्षक को मजदूर बना दिया है।शिकायतकर्ता ने धवई गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना और मनरेगा सहित एक दर्जन कामों में रोजगार सहायक पर धांधली और सरकारी पैसों का गमन करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि रोजगार सहायक के भ्रष्टाचार किसी का 5 महीने पहले जिला पंचायत सीईओ से की गई थी।
लेकिन करीब 4 महीने तकजिला पंचायतमें शिकायती फाइल धूप फाकने के बाद 26 मई को मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जनपद सीईओ चितरंगी को जांच करने का निर्देश दिए थे। लेकिन जांच टीम की उदासीनता और रोजगार सहायक से आपसी गठजोड़ के कारण आज तक रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी या फिर रिपोर्ट सौंपी गई हो इसकी जानकारी सिर्फ जिला पंचायत और जनपद पंचायत से जुड़े अधिकारियों तक की सीमित है। जबकि शिकायतकर्ता ने रोजगार सहायक के भ्रष्टाचार की शिकायत के साथ सबूत भी दिए थे। ऐसें में अब सवाल यह उठता है कि जब रोजगार सहायक के विरुद्ध की गई शिकायत सही है। फिर जिला पंचायत सीईओ और जनपद के अधिकारी संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही करने में किस बात की देर कर रहे हैं ।
इस मामले में शिकायतकर्ता ने जांच दल और जिला पंचायत में पदस्थ चौधरी से रोजगार सहायक के गठजोड़ होने का आरोप लगाया है। इधर यह भी चर्चा है कि जिला पंचायत में सरपंच व सचिवों के खिलाफ पंचायत राज अधिनियम की धारा 40 एवं 92 के तहत सैकड़ों प्रकरण करीब पॉच साल के अधिक समय से लंबित हैं। जिला पंचायत के कार्यालय से केवल तारीख पर तारीख देकर समय टाला जा रहा है। बताया जाता है कि पंचायतों से संबंधित शिकायतों का देखरेख का जिम्मा कथित लिपिक के पास है। जिन्हें जनपद से जिला पंचायत में अटैच कर दिया है। इस मामले में चर्चित शिकायत शाखा का प्रभारी बाबू की कार्यप्रणाली को लेकर कई शिकायतकर्ताओं ने भी तरह-तरह की चर्चाएं करते हुये जिला पंचायत के सीईओ के सवालों के कटघर्रे में खड़ा करते हुये इस ओर कलेक्टर का ध्यान आकृ ष्ट कराया है।
गोदाम को बना दिया प्रधानमंत्री आवास
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में रोजगार सहायक ने फर्जी जानकारी दी। उसने जियो टैग में जो आवास का फोटो अपलोड किया है वह आवास शत प्रतिशत पूर्ण है। वही रोजगार सहायक ने कर्थुआ चितरंगी रोड पर अवैध तरीके से अतिक्रमण कर गोदाम बनाया है। उसे भी प्रधानमंत्री आवास बात कर खुद को सही साबित करने में जुटा है। जबकि सूत्रों का दावा है कि जांच में भी अधिकारियों ने कई बिंदुओं पर रोजगार सहायक के फर्जी भुगतान को पकड़ा है। लेकिन सुविधा शुल्क लेने के बाद उसे पर भी अब क्लीन चिट देने की तैयारी में जुटा है।
अतिथि शिक्षक को बना दिया मजदूर
रोजगार सहायक ने अतिथि शिक्षक को मजदूर बनकर मनरेगा के कामों में भुगतान किया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि रोजगार सहायक ने मनरेगा के कामों में लाखों रुपए का हेरफेर किया है। मनरेगा के तहत होने वाले कामों में अपने भाई, भाभी, भतीजे और रिश्तेदारों का फर्जी जॉब कार्ड भर के फर्जी भुगतान किया है। रोजगार सहायक ने अपने सगे भतीजे राजकुमार यादव को फर्जी जॉब कार्ड भरकर 31488 रुपए का भुगतान किया है। जबकि वह अतिथि शिक्षक के रूप में काम करता है।