भोपाल, 29 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियाें के साथ बैठक करेंगे और स्थितियों का जायजा लेंगे।
डॉ यादव दोपहर को मंत्रालय में बैठक करते हुए प्रदेश में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करेंगे।
इसके पहले डॉ यादव ने रविवार और सोमवार की मध्य रात्रि दिल्ली से लौटने के बाद सीधे राज्य बाढ़ कंट्रोल रूम पहुंचकर प्रदेश के जिलों में अति वर्षा की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे स्थान जहां भी पुल के ऊपर पानी बह रहा हो तो वहां नागरिकों को नहीं जाना चाहिए। इस संबंध में सभी सजग रहे। बांधों के गेट खुलने की स्थिति में सतर्क रहें। जो क्षेत्र जलमग्न हो सकते हैं वहां आवश्यक सावधानी रखी जाए। जनहानि ना हो, यह ध्यान रखा जाए। कंट्रोल रूम में भी वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर उपस्थित रहें और जिलों में प्रशासनिक अधिकारी सभी प्रबंध सुनिश्चित करते रहें।
मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने बाढ़ नियंत्रण केंद्र कंट्रोल रूम की कार्य प्रणाली की जानकारी विस्तार से प्राप्त की।
उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य अचानक पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लेना था और उन्हें संतोष है कि संबंधित अधिकारी और स्टाफ मुस्तैदी से कार्य कर रहे हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा किए जा रहे कार्य के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा और अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ राजेश राजौरा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ यादव गत तीन दिवस से निरंतर प्रदेश में वर्षा की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और राजस्व विभाग के अधिकारियों को भी शुक्रवार एवं शनिवार को निर्देश दिए गए हैं कि नागरिकों को अति वर्षा और बाढ़ की स्थिति में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। अति वर्षा से प्रभावित जिलों के कलेक्टर्स को मुख्यमंत्री डॉ यादव ने आवश्यकता के अनुसार राहत शिविर लगाने और प्रभावित नागरिकों को भोजन और अन्य जरूरी सामग्री देने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने व्यवस्थाओं का जायजा लेने के बाद मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से प्रदेश में वर्षा की स्थिति पर एक बैठक में चर्चा की। डॉ यादव ने निर्देश दिए कि वरिष्ठ अधिकारी सभी स्थितियों पर निरंतर नजर रखें। आवश्यकता हो तो हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी ऐसे क्षेत्र के लिए रखी जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में ट्यूबवेल के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर नियंत्रण स्थापित करें।