इंदौर में एप्रोच रोड बनाए बिना ही बना दिया बस स्टैंड…!

18 करोड़ हो रहे आईडीए के पानी

 

वीरेंद्र वर्मा

 

इंदौर. आईडीए ने शहर के पूर्वी क्षेत्र में आधुनिक सुविधाओं से

सुसज्जित बस स्टैंड बना दिया है, लेकिन एप्रोच रोड नहीं होने के कारण उक्त बस स्टैंड से बसों का संचालन नहीं हो सकता है. दूसरी और बस आनर्स एशोसिएसन ने हाई कोर्ट से स्थगन ले रखा है। उक्त दो कारणों से आईडीए द्वारा निर्मित बस स्टैंड बिल्डिंग बनकर एक साल से धूल खा रही है.

आईडीए ने करीब छह एकड़ जमीन पर अठारह करोड़ की लागत से नए आरटीओ कार्यालय के पास पूर्वी क्षेत्र में नया बस स्टैंड बनाया है. बस स्टैंड को ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट को ध्यान में रखकर कर डिज़ाइन किया है. यही कारण है कि 40 हजार वर्गफुट में गार्डन और सौ के.एल.डी. क्षमता का  सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया गया है.

 

क्या है खास…

मुख्य बस टर्मिनल 1.25 लाख वर्गफुट में है. इसमें 18 घंटे में 650 बसों के आने जाने की सुविधा होगी. 15 बसें टर्मिनल में तथा 45 बसों की पार्किंग हर समय की जा सकती है. उक्त बस स्टैंड के शुरू होने से महाराष्ट्र की ओर आने जाने वाली बसों का संचालन यहां से होगा. करीब 30 हजार यात्रियों के दिनभर में आने जाने और हर समय 3 हजार यात्रियों के उपस्थित रहने अनुमान से बनाया गया है. इससे शहर में यातायात का दबाव कम होगा।

बायपास से लगे होने से समय की बचत भी होगी. इस बारे में आईडीए के सीईओ आर.पी. अहिरवार से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

 

कलेक्टर ने दिए थे आदेश लेकिन……

कलेक्टर ने शहर में नवलखा और तीन इमली चौराहे से संचालित हो रही बसों को नायता मुंडला बस स्टैंड से संचालन करने के आदेश दिए थे. इसकी वजह यह थी कि शहर में यातायात जाम से निजात मिले. शहर में आंतरिक यातायात व्यवस्था सुदृढ़ हो, मगर उक्त आदेश का पालन बस ऑनर्स एसोसिएशन नहीं कर रहा है. उक्त आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट से स्थगन लेकर बैठा है.

 

एप्रोच रोड की जगह नहीं बची

नए बस स्टैंड तक आने जाने के लिए 60 मीटर की सड़क मास्टर प्लान में प्रस्तावित है. मगर बस स्टैंड जाने के लिए कांग्रेस के अरविंद बांगड़ी की वरुण विक्ट्री और एक अन्य कॉलोनी के कारण 8 से 10 मीटर की जगह भी नहीं बची है. एप्रोच रोड नहीं होने से भी बस संचालक नए बस स्टैंड से बसें संचालित करने को तैयार नहीं है. बस स्टैंड पर ढेर सुविधाएं है ,मगर उसका उपयोग हो नहीं रहा है. मेंटेनेंस का खर्च अलग लग रहा है.

 

 

क्या-क्या है सुविधा यहां…….

6 सौ पचास बसों के आने जाने के लिए 15000 हजार वर्गफुट में दो पहिया और चार पहिया वाहनों का पार्किंग बनाया है. आधुनिक बस स्टेंड में तल मंजिल पर  14 दुकानें और पहली मंजिल पर 14 आफिसों के केबिन बनाए है। साथ ही यात्रियों की सुविधा हेतु 700 वर्गफूट में फूड जोन की जगह अलग से है. आधुनिक बस स्टेंड में यात्रियों के लिए नौ टिकट काउंटर है,जो अलग अलग शहरों में जाने वाली बसों के लिए होंगे. इसके अलावा बस स्टेंड पर क्लॉक रूम, पुलिस चौकी, मेडिकल रूम, हेल्प डेस्क, वीआईपी लाउंज, स्टोर रूम और महिला रूम अलग से बनाए है. बस स्टेंड पर 300 यात्रियों के अनुमान से वेटिंग एरिया भी बनाया है. बस स्टैंड की डिजाइन पूरी तरह से ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट को ध्यान में रख कर  बनाई है। 40 हजार वर्गफूट का गार्डन बनाया है. स्वच्छता मिशन को ध्यान में रखकर बस स्टेंड पर सौ केएलडी क्षमता का सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है.

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